लद्दाख में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं और आनेवाले दिनों में ये बड़ी तबाही का कारण भी बन सकते हैं। एक स्टडी में यह बात सामने आई है।
नई जांच रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग का असर यह है कि उत्तरी गोलार्ध में स्थित आर्कटिक महासागर में 2030 से हर गर्मियों में जो बर्फ अभी ग्लेशियर के रूप में तैरती दिखाई देती है, वह भी गायब हो जाएगी।
नेपाल में हिमस्खलन की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में नेपाल के मुगु जिले में हिमस्खलन की एक और घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। एक स्थानीय अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। यह घटना ऐसे वक्त में हुई जब जुमला जिले के कुल 15 लोग कैटरपिलर फंगस यार्सागुम्बा की तलाश में मुगु गए थे।
ग्लेशियर झीलों के फटने से एक बड़ी तबाही सामने आ सकती है। एक अध्ययन के मुताबिक ग्लेशियर झीलों के चलते देश की 30 लाख और दुनिया भर में 1.5 करोड़ लोगों का जीवन खतरे में है।
एक वीडियो क्लिप में वांगचुक ने भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने के लिए पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
Climate Change-Virus Spillover: जलवायु परिवर्तन के कारण जो बर्फ पिघल रही है, उससे उसमें जमे वायरस और बैक्टीरिया बाहर निकल सकते हैं। इससे कोरोना वायरस जैसी बीमारी फैल सकती है।
OMG: अंटार्कटिका में जिस एक ग्लेशियर से खून का झरना बह रहा है, उसका नाम टेलर ग्लेशियर है। यह पूर्वी अंटार्कटिका के विक्टोरिया लैंड पर है। यहां जाने वाले बहादुर खोजकर्ताओं और वैज्ञानिकों को यह नजारा हैरान कर रहा है।
Uttarakhand: एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंदिर के पास बर्फ का पहाड़ खिसक रहा है। वीडियो में देखा जा रहा है कि बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया। बताया जा रहा है कि हिमखंड काफी बढ़ा था, जिससे बर्फ के धुएं का गुबार काफी दूर तक रहा।
Global Warming: विश्व भर में क्लाइमेट चेंज का असर अब सीधा असर दिखने लगा है। यूरोप में भीषण गर्मी यह बताती है कि मौसम कैसे तेजी से बदल रहे हैं। इस साल यूरोप 40 से 45 डिग्री तापमान चला गया था।
Uttrakhand News: 1984 में 19 जवानों का दल ऑपरेशन मेघदूत के लिए निकला था। अचानक हुई हिमस्खलन से पूरी बटालियन दब गई और चंद्रशेखर हर्बोला भी हादसे में शहीद हो गए। अब 38 साल बाद ग्लेशियर से उनका पार्थिव शरीर मिला है।
पाकिस्तान में गर्मी ने 61 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भीषण गर्मी की वजह से शिस्पर ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है और इसी वजह से हिमनद झील में बाढ़ आ गई। POK के गिलगिट-बाल्टिस्तान इलाके में चीन का बनाया एक पुल हिमनद झील की बाढ़ को झेल नहीं पाया और टूट गया।
उत्तराखंड में चीन की सीमा से लगते जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने के बाद भारी बर्फबारी हुई। इस घटना पर बॉर्डर रोड टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि भारत-चीन सीमा के पास उत्तराखंड के जोशीमठ के नजदीक एक ग्लेशियर फट गया है।
उत्तराखंड के वैज्ञानिकों को ऋषिगंगा नदी के छह किलोमीटर उपर एक कृत्रिम झील मिली जिसके बारे में अभी यह नहीं मालूम हो सका है कि इस झील से निचले इलाकों में रहने वाली जनसंख्या को कोई खतरा है या नहीं। यह पता लगाने के लिए आईटीबीपी और डीआरडीओ की एक संयुक्त टीम उस स्थान तक पहुंच गयी है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में 10 दिन पहले आई विकराल बाढ़ के बाद तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर क्षण के साथ और धूमिल होती उम्मीदों के बीच कीचड़ से भरी इस सुरंग में बचाव कार्य लगातार जारी है।
उत्तराखंड के चमोली में आपदा आने के बाद एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को भी क्षति हुई। वहीं, एनटीपीसी के कर्मचारी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए चल रहे अभियान में एनटीपीसी, सीआईएसएफ, यूपीएनएल सहित विभिन्न संस्थाओं के 325 इंजीनियर, अधिकारी और वैज्ञानिक जुटे हुए हैं।
तपोवन टनल में फंसे मजदूरों को निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। आईटीबीपी ने एक बयान जारी कर रहा कि सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर टनल को साफ करने का काम जारी है जिससे अंदर फंसे मजदूरों को निकाला जा सके।
इंडिया टीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्लेशियर के फटने के बाद चमोली में वर्तमान बचाव मिशन के बारे में बात की। साक्षात्कार के दौरान सीएम रावत ने इस त्रासदी के पीछे विकास को मुद्दा बनाने वालों को फटकार लगाई और कहा कि इस तरह की टिप्पणी करने वाले लोग अपने एसी कमरों से बाहर निकलें और वास्तविकता देखें।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद आए सैलाब से हुई भारी तबाही के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 26 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं जबिक 180 लोग अब भी लापता हैं।
चमोली हादसे को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बयान दिया है जिसमें उन्होंने बताया है कि सैलाब के बाद अब तक 203 लोग लापता है जिनकी तलाश लगातार जारी है।
चमोली जिले में ग्लेशियर के फटने के बाद उत्तराखंड का तपोवन हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर डैम पूरी तरह से धवस्त हो गया। धौली गंगा और ऋषि गंगा नदियों के संगम पर स्थित बांध पूरी तरह से नष्ट हो गया। यहां तक कि मलारी घाटी और तपोवन के पास के दो पुल बह गए हैं।
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