Jammu-kashmir: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस से इस्तीफा उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है, हालांकि यह पार्टी में 'आंतरिक लोकतंत्र की कमी' को दर्शाता है।
रामदास अठावले ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद ट्विटर पर अपने चिर-परिचित अंदाज में एक कविता लिखी है।
Political News: मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा के सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने आजाद को NDA में शामिल होने का न्योता दिया है।
Fadnavis on Congress: भारतीय जनता पार्टी(BJP) के वरिष्ठ नेता फडणवीस ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आजाद द्वारा उठाए गए कुछ सवाल वाजिब हैं। हालांकि, यह उनका अंदरुनी मामला है और मैं उनपर टिप्पणी नहीं करूंगा।’’
जब शुक्रवार को उन्होंने इस्तीफा दिया तो मुझे एक शेर याद आ गया 'कुछ तो मजबूरियां रही होंगी...यूं ही कोई बेवफा नहीं होता।' आज़ाद साहब के इस कदम से कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में बहुत नुकसान होगा।
race to leave the Congress party: कांग्रेस पार्टी का ताउम्र हाथ पकड़कर चलने वाले एक के बाद एक वरिष्ठ नेता लगातार पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज जी-23 नेताओं में अब एक के बाद एक में पार्टी को छोड़ने की होड़ लगी है।
Congress Political Crisis: आनंद शर्मा गुलाम नबी आजाद के घर उनसे मुलाकात करने पहुंचे। उनके इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस खेमे में दिग्गज नेताओं की नराजगी साफ झलक रही है। हाल ही में आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
Sachin Pilot on Ghulam Nabi Ajad: कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराना गलत है। पायलट ने यह भी कहा कि आजाद के त्यागपत्र का समय बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
कर्रा ने कहा कि आखिर आजाद ने पार्टी छोड़ने के लए वही वक्त क्यों चुना जब सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं है और वह देश में नहीं हैं।
Manish Tewari: मनीष तिवारी ने कहा, 2 साल पहले हम में से 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था और कहा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है। इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई।
Ghulam Nabi Azad: आजाद ने पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी और उनकी मंडली की आलोचना की और पूरी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया को एक 'मजाक और दिखावा' करार दिया।
Ghulam Nabi Azad Quits Congress: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आजाद ने उस समय पार्टी छोड़ी होती जब वह पटरी पर लौट चुकी होती तो ठीक था, लेकिन भंवर के वक्त उसे छोड़ना अच्छी बात नहीं है।
आज कांग्रेस का एक और मज़बूत पिलर गिर गया। गुलाम नबी आज़ाद आज कांग्रेस से आजाद हो गए । उन्होंने कांग्रेस से 49 साल पुराना रिश्ता खत्म कर दिया. पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया। गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पांच पन्नों की चिट्ठी में क्या लिखी, देखिए ये पूरी खबर आज की बात में।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने एक पैर डूबते जहाज पर रखा और दूसरा उस पर जो उनकी छोटी नाव को कभी भी डुबो सकता है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री कितने दिन रहेंगे, इसका ठिकाना नहीं, लेकिन सपने 2024 में पीएम बनने के देख रहे हैं।
गुलाम नबी आजाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल केमेस्ट्री पॉलिटिकल लाइन से एकदम अलग रही है। राज्यसभा में जब गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म हो रहा था तो उनके विदाई भाषण में प्रधानमंत्री भावुक हो गए थे।
Ghulam Nabi Azad Quits Congress: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि आजाद पार्टी को जोड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन वह कांग्रेस को तोड़कर बाहर निकल गए।
Ghulam Nabi Azad Resigns: दिल्ली स्थित भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए रवींद्र रैना ने कहा कि गुलाम नबी आजाद बड़े नेता थे, जिन्होंने सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में खून-पसीना बहाकर कांग्रेस को उंचाईयों पर ले जाने के लिए काम किया।
Guwahati News: मुख्यमंत्री शरमा ने कहा कि पार्टी के लिए वफादार रहे नेता एक के बाद एक पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। शरमा ने कहा कि मैंने 2015 में लिखा था कि ऐसा समय आएगा, जब कांग्रेस में गांधी परिवार ही रह जाएगा और बाकी सब पार्टी छोड़ जाएंगे।
Ghulam Nabi Azad Resigns: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद दो पूर्व मंत्रियों सहित कांग्रेस के पांच वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
सलमान खुर्शी ने कहा, आज कांग्रेस पार्टी एक जंग के मैदान में खड़ी है, हमारा कोई सिपाही या कमांडर छोड़ कर जाता है तो उसका सीधा प्रभाव हमपर पड़ता है। पार्टी के समर्थन में खड़े रहने वाले लोगों पर भी इसका सीधा असर पड़ता है।
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