PM Modi in Germany: जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय समुदाय को संबोधित किया। यहां भारतीयों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
PM Modi Germany Visit: दुनिया के सात ताकतवर देशों के समूह जी-7 के अध्यक्ष के रूप में जर्मनी इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए म्यूनिख पहुंचा हूं। मैं शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा होने की उम्मीद करता हूं।’’
PM Modi Germany Visit: जर्मनी में आयोजित G-7 शिखर सम्मलेन में पीएम मोदी दो सत्रों को संबोधित भी कर सकते हैं। खबर है कि वे जिन सत्रों को संबोधित करेंगे उनमें एक सत्र पर्यावरण, उर्जा और जलवायु से संबंधित होगा।
PM Modi Foreign Visit: पीएम मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर 26-27 जून को जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शोल्स एल्माउ जाएंगे। वहीं प्रधानमंत्री 28 जून को यूएई के पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए खाड़ी देश जाएंगे।
Gas Crisis in Europe: रूस ने पोलैंड, बुल्गारिया, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस और नीदरलैंड को हाल के हफ्तों में गैस आपूर्ति बंद कर दी है। अब जर्मनी भी गैस आपूर्ती की कटौती के कारण इस समस्या से जूझ रहा है। देश में गैस की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है और आगे भी होगी।
Putin warns European Leaders: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को सहयोग करने वाले देशों को चेतावनी दे डाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय यूरोप यात्रा का आज आखिरी दिन है। पीएम आज डेनमार्क में सेकेंड इंडो-नॉर्डिक समिट में भाग लेंगे। इसके बाद पीएम मोदी फ्रांस जाएंगे। वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान इंडो-फ्रांस स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को अगले लेवल पर ले जाने पर चर्चा होगी।
जर्मनी दौरे के दौरान पीएम मोदी का अलग अंदाज देखने को मिला। यहां उनके स्वागत में ढोल बज रहे थे। इस बीच उनकी 30 साल पहले की एक तस्वीर सामने आई जब वो जर्मनी पहुंचे थे। उस वक्त वो पार्टी के कार्यकर्ता थे और यूएस से लौटते वक्त जर्मनी पहुंचे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 4 मई तक यूरोप के अहम दौरे पर हैं। दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री जर्मनी पहुंचे। आज वह डेनमार्क में हैं। सोमवार को जर्मनी पहुंचे पीएम का भव्य स्वागत किया गया था। आज डेनमार्क में उनका भव्य स्वागत हुआ है।
पीएम मोदी के सोमवार को जर्मनी की राजधानी पहुंचने पर भारतीय समुदाय के सदस्यों ने उनका भव्य स्वागत किया और बर्लिन के मशहूर ब्रैंडेनबर्ग गेट पर भारत के रंग तथा विविधता का प्रदर्शन हुआ। मोदी तीन देशों की अपनी यूरोप यात्रा के पहले चरण में जर्मनी पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में सोमवार को सुबह जर्मनी पहुंचे। अपनी यात्रा के दौरान मोदी डेनमार्क और फ्रांस भी जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यूरोप यात्रा यूक्रेन संकट के बीच हो रही है जिसको लेकर रूस के खिलाफ लगभग पूरा यूरोप एकजुट है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की 3 दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए दिल्ली से प्रस्थान किया। 2022 में प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो मई से तीन देशों का दौरा करेंगे। इस दौरान वह 25 कार्यक्रमों में शामिल होंगे और तीन दिवसीय यात्रा के दौरान उन देशों में वह लगभग 65 घंटे बिताएंगे।
रूस के यूक्रेन पर हमले का विरोध करने वाले जर्मनी ने पिछले दो माह में सबसे ज्यादा फ्यूल रूस से खरीदा है।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की घोषणा करते हुए, विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री पहले जर्मनी की यात्रा करेंगे, फिर डेनमार्क जाएंगे और चार मई को अपनी वापसी यात्रा के दौरान पेरिस में कुछ समय के लिए रुकेंगे।
भारत के लिये सुखजीत सिंह (19वां मिनट), वरूण कुमार (41वां) और अभिषेक (54वां) ने गोल दागे जबकि जर्मनी के लिये एकमात्र गोल एंटोन बोकेल (45वां) ने किया। भारत ने पहले मैच में जर्मनी को 3-0 से मात दी थी।
जर्मनी की सरकार ने कहा कि, 'वह रूबल में भुगतान नहीं किए जाने पर, रूस द्वारा आपूर्ति में कटौती करने की चिंताओं के बीच गैस आपूर्ति के संबंध में शुरुआती चेतावनी जारी कर रहा है।' मंत्री ने कहा- 'यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है और जर्मनी के गैस भंडारण वर्तमान में अपनी क्षमता का 25 प्रतिशत भरा हुआ है।'
भारतीय महिला हॉकी टीम का सामना ऊंची रैंकिंग वाली लेकिन खराब फॉर्म से जूझ रही जर्मनी से होगा। जर्मनी के खिलाफ शनिवार को होने वाले पहले मैच में टीम की कोशिश जीत की राह पर लौटने की कोशिश में होगी।
रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जारी हमले के दौरान उसके हवाई अड्डों और ईंधन सुविधा केंद्रों को निशाना बनाया है। यह हमले का दूसरा चरण प्रतीत हो रहा है, जो तीव्र प्रतिरोध के कारण धीमा हुआ है।
यह पाइपलाइन गैस के भंडार रूस के साइबेरिया को बाल्टिक सागर के रास्ते जर्मनी से जोड़ती है। यह प्रोजेक्ट जितना जरूरी रूस के लिए है उतना ही जर्मनी और यूरोप के लिए भी है।
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