जर्मन अधिकारियों के कब्जे में मौजूद अरिहा शाह को भारत भेजने को लेकर 59 सांसदों ने जर्मनी की राजदूत को खत लिखते हुए ये मांग की है।
यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से पंगा लेना यूरोप के लिए भारी पड़ा है। पूरा ईयू बढ़ती ऊर्जा कीमतों का सामना कर रहा है, जिससे लगातार दो तिमाहियों से जर्मनी में मंदी बनी हुई है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मसले पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया सामने आया है। द वर्ल्ड पॉलिसी फोरम (ग्लोबल सॉल्यूशंस) के कार्यक्रम में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने रियलिटी चेक के तौर पर भारत का उदाहर दिया है। शोल्ज ने कहा कि रूस को यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान शुरू किए हुए एक साल से अधिक हो गया है।
जर्मनी में मर्सडीज कार की फैक्ट्री में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब अचानक एक हमलावर घुस आया और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। गोलीबारी होते देख कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे, लेकिन इस दौरान दो लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। वहीं जान बचाकर भाग रहे कई लोग मामूली रूप से घायल भी हो गए।
जर्मनी के हैमबर्ग हवाई अड्डे पर जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आखिर एक पल में कैसे 100 से अधिक उड़ानों को रद्द कर देना पड़ा। ऐसी क्या मजबूरी थी कि एयरपोर्ट पर आए हजारों यात्रियों को उड़ानें रद्द होने के बाद वापस लौटना पड़ा। आखिर किस वजह से एक साथ इतनी उड़ानों को कैंसिल करना पड़ा।
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूस और जर्मनी में ठन चुकी थी। मगर अब रूस और जर्मनी सीधे तौर पर आमने-सामने हैं। जर्मनी और रूस में उस वक्त तनाव चरम पर पहुंच गया था, जब जर्मनी ने यूक्रेन को लेपर्ड टैंक देने का ऐलान किया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जर्मनी के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।
जर्मनी के एक अस्पताल में आग लगने से मरीजों के बीच अफरा-तफरी मच गई। आग की लपटें इतनी भीषण थी कि वह फैलते हुए तीसरी मंजिल तक पहुंच गई। इससे भर्ती मरीज भी इधर-उधर उठ कर भागने लगे। तत्काल इसकी सूचना फायर विभाग को दी गई। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। मगर तब तक चार लोग झुलस चुके थे।
MBBS Course: हमारे देश में मेडिकल एजुकेशन काफी मंहगा है, जो आम आदमी अफोर्ड नहीं कर सकता है। ऐसे में बहुत से छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना टूट जाता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे थे जहां एमबीबीएस की पढ़ाई फ्री है।
Rahul Gandhi Issue: मानहानि के मामले में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद विदेशों से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसी मामले पर बीते बुधवार को जर्मनी की तरफ से भी एक प्रतिक्रिया आई।
इजराइल में नेतन्याहू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों में कटौती करते हुए सरकार को जजों की नियुक्ति का अधिकार देने का प्रावधान है।
इस बाबत हैम्बर्ग पुलिस ने ट्वीट कर लिखा कि इस फायरिंग में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वहीं कुछ लोगों की मौत हो गई है। हम बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों के साथ घटनास्थल पर मौजूद हैं।
अभी तक अमेरिका और चीन में एक दूसरे को चेतावनी देने का दौर जारी था। दोनों देशों में ताइवान से लेकर जासूसी गुब्बारे समेत कई अन्य मसलों पर तनाव बना हुआ है। इस बीच जर्मनी ने पहली बार ड्रैगन को कड़ी चेतावनी दी है।
अमेरिका और जर्मनी ने यूक्रेन युद्ध समेत अन्य वैश्विक समस्याओं को सुलझा लेना का दावा किया है। यूक्रेन पर हमले के विरुद्ध रूस पर दबाव बनाये रखने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज द्वारा अत्यंत गहनता से और मिलकर काम करने की घोषणा किये जाने के बाद दोनों नेताओं ने बैठक की।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन की सेना को चीन द्वारा हथियार भेजे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सबसे पहले अमेरिका ने इस बात का खुलासा किया था कि चीन रूस को चोरी छुपे हथियार भेज रहा है, जिसका इस्तेमाल वह यूक्रेन के खिलाफ कर रहा है। इसके लिए अमेरिका ने चीन को चेतावनी भी दी थी।
India to Germany Travel Process:अब भारत से जर्मनी जाना पहले से बेहद आसान होने वाला है। भारत दौरे पर आए जर्मनी के चांसलर ने इसको लेकर बड़ी जानकारी दी है। बता दें, इंडिया से हजारों की संख्या में आईटी प्रोफेशनल्स समेत दूसरे व्यवसाय से जुड़े लोग वहां ट्रेवल करते हैं।
लगातार गहराता जा रहा रूस-यूक्रेन युद्ध और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागीरी से दुनिया त्रस्त आ गई है। इस समस्या के तत्काल समाधान के लिए जर्मनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है। भारत ऐसा देश है, जिसकी साख पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में अलग पहचान बना चुकी है।
पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को टैंक समेत अन्य घातक हथियार दिए जाने से रूसी राष्ट्रपति पुतिन तमतमा उठे हैं। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और जर्मनी रूस के प्रमुख निशाने पर आ गए हैं। ऐसे में रूस अपना आपा खो सकता है, जिसका परिणाम परमाणु युद्ध में तब्दील हो जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
लुफ्तहांसा के एक प्रवक्ता ने बताया कि आईटी सिस्टम फेल होने के चलते ऐसा हुआ है। इसकी वजह से एयरलाइन कंपनी के कई विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया गया।
सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि जर्मनी का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) उपभोक्ता खर्च में कमी के कारण वर्ष 2021 की पहली तिमाही के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर सिमट गया।
यूक्रेन युद्ध मामले में जर्मनी बार-बार अपना स्टैंड बदल रहा है। कभी वह पूरी तरह यूक्रेन के साथ खड़ा दिखता है तो कभी मदद से अपने हाथ पीछे खींच लेता है। यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक देने का वादा करने के बाद भी जर्मनी काफी दिनों तक कभी हां तो कभी न करता रहा।
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