रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस बीच जर्मनी ने यूक्रेन को लेकर बड़ा बयान दिया है। जर्मनी की तरफ से जो कहा गया है उसकी वजह जंग और भड़क सकती है।
यौन हिंसा का आरोप झेल रहे प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी जल्द ही हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, प्रज्वल ने भारत वापसी के लिए विमान का टिकट करवा लिया है।
साल 1829 में आज के ही दिन अकॉर्डियन म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का पेटेंट हुआ था। गूगल आज डूडल के जरिए इसी इंस्ट्रूमेंट का वर्षगांठ मना रहा है। इसके लिए गूगल ने खास डूडल बनाया है।
यूक्रेन से जंग लड़ रहा रूस द्वितीय विश्व युद्ध में अपनी जीत का आज जश्न मना रहा है। इसके लिए मॉस्को में कई तरह की तैयारियां की गई हैं। रूस अपनी जीत के साथ ही इस युद्ध में नाजी जर्मनी की हार का जश्न भी मना रहा है। यह पुतिन के शासन की सख्ती का भी प्रतीक है।
जर्मनी का रहने वाला एक लड़के ने 16 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था। बीते एक साल से वह ट्रेन में ही रह रहा है और अपनी लाइफ को एन्जॉय कर रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अब जर्मनी की रूस से ठन गई है। जर्मनी ने रूसी कर्मचारियों पर साइबर हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है। जर्मनी ने इसके लिए रूस को परिणाम भुगतने की धमकी दी है।
इस्लामिक चरमपंथियों ने दुनिया के अलग-अलग देशों में आतंकी हमले कराने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। खूंखार आतंकवादी अब आतंक के नये मॉड्यूल के रूप में किशोर-किशोरियों की फौज तैयार कर रहे हैं। ताकि इन्हीं के जरिये आतंकी हमला कराया जा सके। जर्मनी में हमले की योजना बनाते ऐसे 4 किशोर गिरफ्तार किए गए हैं।
गाजा युद्ध छिड़ने के बाद से ही पूरे मध्य पूर्व में संघर्ष फैल गया है। ईरान समर्थित समूहों ने लेबनान, यमन और इराक से हमले कर रहे फिलिस्तीनियों के लिए समर्थन की घोषणा की है। तेहरान ने अपने सहयोगियों के लिए समर्थन की घोषणा करते हुए, इज़रायल या संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सीधे टकराव से परहेज किया है।
भारत के पंजाब राज्य से डंकी रूट के जरिये जर्मनी ले जाए जाने का एक मामला प्रकाश में आया है। पंजाब से हरविंदर सिंह नाम के शख्स को एजेंटों ने 12 लाख रुपये लेकर डंकी रूट से सर्बिया होते हुए जर्मनी भेजा, लेकिन ठगी का शिकार होने के बाद उसे वहां से दिल्ली के लिए निर्वासित कर दिया गया।
नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी विकास गति को बरकरार रख रहा है, जिसे वैश्विक मंदी के बीच एक बेहतरीन सूचक के रूप में देखा जा सकता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर भारत ने जर्मनी की क्लास लगा दजी है। ऐसा इस वजह से हुआ क्योंकि जर्मनी ने भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश की है।
ट्रेन को पटरी के ऊपर चलता हुआ सभी लोगों ने देखा होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसी ट्रेन के बारे में बताने जा रहा हैं जो पटरी के ऊपर नहीं बल्कि नीचे लटककर चलती है।
जर्मनी संग भारत हिंद-प्रशांत में भारी सैनिकों की तैनाती करेगा। भारत और जर्मनी व अन्य यूरोपीय देशों के इस साझा काम से चीन के होश उड़ जाएंगे। इससे भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंध भी और मजबूत होंगे।
जर्मनी में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब अचानक एक सैनिक कुछ लोगों पर गोलीबारी करने लगा। गोली चलते देख लोगों के बीच भगदड़ मच गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक सैनिक ने 1 बच्चे समेत 4 लोगों को मौत के घाट उतार चुका था। बाद में उसने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया।
जर्मनी के म्यूनिख सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विभिन्न देशों के अपने विदेशी समकक्षों के साथ में मुलाकात और द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान उन्होंने भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया। साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध जैसे अन्य मुद्दों पर दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा ।
म्यूनिख सम्मेलन में भारत और चीन के विदेश मंत्री के बीच बेहद संक्षिप्त मुलाकात और बातचीत हुई। यह बातचीत तब हुई जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी मंच से लौट रहे थे और एसजयशंकर रास्ते में मंच पर मिल गए। इसके बाद दोनों मंत्रियों ने आपस में बेहद संक्षिप्त वार्तालाप किया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने को हैं। अब तक रूस यूक्रेन को भले ही हरा नहीं पाया हो, लेकिन जंग में रूसी सैनिक लगातार भारी पड़ रहे हैं। यूक्रेन के 4 अहम राज्य रूसी सेना के कब्जे में हैं। ऐसे में रूस के हाथों यूक्रेन को हार से बचाने के लिए फ्रांस और जर्मनी आगे आए हैं।
जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित वैश्विक सुरक्षा सम्मेलन में एस जयशंकर ने अमेरिका और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों समेत कई अन्य देशों के समकक्षों से उन्होंने मुलाकात की। साथ ही वैश्विक मुद्दों के साथ द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा की। भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने के लिए जयशंकर ने वार्ता की।
जापान और जर्मनी दोनों ने छोटे तथा मझोले आकार के व्यवसायों के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया। जापान के विपरीत जर्मनी ने मजबूत यूरो और मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ठोस आर्थिक कदम उठाए। कमजोर येन भी जापान के लिए नुकसान की वजह बना।
विश्व उइगर कांग्रेस को वर्ष 2024 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। ऐसा दूसरी बार है, जब विश्व उइगर कांग्रेस को लगातार इस पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। इससे पहले वर्ष 2023 में भी इस अधिकार संगठन को नोबेल के शांति पुरस्कार से नावाजा जा चुका है।
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