बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री पद छोड़ने को मजबूर हुई शेख हसीना की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हसीना और उनकी पार्टी के कई अन्य नेताओं पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में सामूहिक नरसंहार का केस दर्ज कराया गया है।
इजरायल ने हमास के साथ लड़ाई के दौरान गाजा में आम लोगों की मौत पर अपना पक्ष रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के कोर्ट में कहा कि वह नहीं बल्कि हमास नरसंहार का दोषी है।
साल 1989 का है जब थ्याननमेन स्क्वॉयर पर प्रदर्शन कर रहे हजारों छात्रों पर चीनी सेना और सरकार ने बर्बरता की और इस नरसंहार में हजारों छात्रों की जान चली गई।
हजारों वर्षो तक एक स्वदेशी धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में शांतिपूर्वक रहने के बाद, इन कश्मीरी हिंदुओं से मदद की गुहार विश्व स्तर पर बहरे कानों पर पड़ी। आईसीएचआरएफ ने कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म को नरसंहार माना है और इसमें शामिल दोषियों को सख्त सजा देने का आह्वान किया है।
एक प्रतिष्ठित हिंदू-अमेरिकी पैरोकार समूह ने गुरुवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश में 1971 के नरसंहार में पाकिस्तानी सेना की भूमिका का खुलासा करने वाली एक वेबसाइट हाल ही में शुरू करने के लिए पाकिस्तान ने उसे धमकी दी।
कंबोडिया की एक अदालत ने दशकों पुराने नरसंहार के मामले में ख्मेर रूज शासन के दो शीर्ष नेताओं को शुक्रवार को दोषी ठहराया।
म्यांमार के हिंदू ग्रामीणों ने बताया था कि रोहिंग्या मुसलमानों ने 25 अगस्त को उनके समुदाय पर हमला किया था और बहुत से लोगों को अपने साथ ले गए थे...
प्रतिक्रिया देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान ने हसीना के बयान पर आपत्ति जताई...
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