मध्यपूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में ऊंची मांग की वजह से इस वित्त वर्ष में भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी का निर्यात 42 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
देश से जेम्स एंड ज्वैलरी का निर्यात वित्त वर्ष 2016-17 में 12.32 प्रतिशत बढ़कर 2.89 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अमेरिका और हांगकांग से मांग बढ़ी है।
मार्च में निर्यात 27.6 फीसदी बढ़कर 29.23 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि, आयात में भी बढ़ोतरी हुई है। आयात 45.25 फीसदी बढ़कर 39.66 अरब डॉलर पहुंच गया है।
रत्न एवं आभूषण निर्यात वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-जनवरी अवधि में 9.5 प्रतिशत बढ़कर 29 अरब डॉलर रहा।
जेटली ने महाराष्ट्र के वित्त मंत्री, उद्योग के प्रतिनिधियों एवं बैंक के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
एक अप्रैल से दो लाख रुपए से अधिक की ज्वैलरी की खरीद पर एक फीसदी का स्रोत पर टैक्स (टीसीएस) देना होगा। अभी तक इसकी मौजूदा सीमा 5 लाख रुपए है।
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि पांच लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त पर पैन के उल्लेख की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए।
बजट में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए कई कदमों की घोषणा कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक सोने पर लगने वाले आयात शुल्क में कटौती हो सकती है।
रत्न एवं आभूषण का निर्यात अप्रैल-नवंबर अवधि में 10 प्रतिशत बढ़कर 23.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिका और यूरोप में मांग बढ़ने से निर्यात बढ़।
इस बार धनतेरस पर रत्न एवं आभूषणों की बिक्री में करीब 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद है। बेहतर मानसून तथा उपभोक्ता मांग बढ़ने की वजह से बढ़ोतरी होगी।
सितंबर महीने में निर्यात 4.62 प्रतिशत बढ़कर 22.9 अरब डॉलर रहा, जो एक अच्छी खबर है। इंजीनियरिंग और रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि रही।
देश से रत्न एवं आभूषण निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों अप्रैल-अगस्त के दौरान 11 प्रतिशत बढ़कर 14.43 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
देश का रत्न और जेवरात का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 11.7 फीसदी बढ़कर 11.4 अरब डॉलर हो गया।
जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोने पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर पांच फीसदी करने की मांग की है।
देश में छोटे ज्वैलरी निर्माताओं को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने उत्पाद शुल्क छूट दायरा बढ़ाते हुए इसे दस करोड़ रुपए कर दिया है।
भारत की जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री में औसत वेतन 2.52 लाख रुपए सालाना है जो फार्मास्युटिकल और कैपिटल गुड्स जैसी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज से काफी कम है।
दिल्ली सहित देश के अनेक भागों में ज्वैलर्स व सर्राफा व्यापारियों ने अपनी हड़ताल सोमवार को फिर शुरू की। एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं
सरकार ने आभूषण निर्माताओं से बकाए एक्साइज ड्यूटी का भुगतान जून में एक साथ करने को कहा है। उत्पाद शुल्क विभाग के पास रजिस्ट्रेशन कराने का भी निर्देश दिया है।
एक्साइज ड्यूटी से नाराज ज्वैलर्स को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स को ड्यूटी फ्री सोना मुहैया करा सकती है।
एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में भले ही ज्वैलर्स की हड़ताल जारी है, लेकिन शादी-ब्याह की मांग पूरी करने के लिए काफी काम भूमिगत होकर किया जा रहा है।
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