सोने के आभूषण निर्माताओं और जौहरियों की 18 दिन लंबी हड़ताल के कारण इस इंडस्ट्री को 60000 से 70000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
On Saturday Jewellers called off their 18-day old strike. government assured them that there will be no harassment by excise officials.
सरकार द्वारा गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाने के फैसले के विरोध में देशभर के ज्वैलर्स हड़ताल पर हैं।
ज्वैलर्स की जारी बेमियादी हड़ताल के चलते 60,000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबारी नुकसान होने का अनुमान है। एसोसिएशनों ने कहा की हड़ताल जारी रहेगी।
दुनिया की तमाम बड़ी एजेंसियां कीमतों में गिरावट भविष्यवाणी कर रहे थे, इसी बीच सोना कब 30 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया किसी को नहीं पता चला।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स ने केंद्र से गैर-चांदी की ज्वैलरी पर एक फीसदी ड्यूटी लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
ज्वैलर्स पिछले छह दिनों से हड़ताल पर हैं, जिसके कारण अब तक 10,000 करोड़ का नुकसान हो चुका है। अब हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए जारी रखने का फैसला किया है।
बजट में बुलियन पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाने के विरोध में कारोबारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया है।
बजट में प्रस्तावित एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी और दो लाख रुपए से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर पैन कार्ड की अनिवार्यता से नाराज ज्वैलर्स आज से हड़ताल पर चले गए हैं।
सरकार आगामी बजट में चमड़ा और जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के लिए टैक्स छूट देने पर विचार कर रही है। इससे मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात निर्यात को बढ़ावा मिल सके।
नवंबर का महीना आयात-निर्यात के लिहाज से सरकार के लिए राहत और आफत दोनों लेकर आया है। पिछले महीने निर्यात में 24.43 फीसदी घटकर 20.01 अरब डॉलर रहा।
गोल्ड स्कीम को सफल बनाने के लिए सरकार को इसे सरल बनाना चाहिए। इसके अलावा सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में जमा कराए जाने वाले सोने का सोर्स ना पूछे।
अपनी खूबसूरत डिजाइनिंग और पॉलिशिंग के लिए प्रसिद्ध इंडियन जेम्स एंड ज्वैलरी की चमक विदेशों में फीकी पड़ती दिख रही है।
जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को जमाने के लिए सरकार और इंडस्ट्री दोनों को ध्यान देने की जरूरत है। एसोचैम के सर्वे में यह बात सामने निकलकर आई है।
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