रिजर्व बैंक ने पिछले महीने ही चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।
ब्रिटेन के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र सीओपी-26 के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री मोदी 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य दिया था
रिजर्व बैंक ने पिछले महीने ही चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 20.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी। एजेंसी का मानना है कि महामारी की तीसरी लहर ना आने पर आने वाले तिमाहियों में भी सुधार देखने को मिलेगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने 2021 में 9.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। वहीं रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है
ट्रिलियन-डॉलर कंपनियों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल होने वाली टेस्ला पहली कार निर्माता कंपनी है। इस क्लब में एप्पल इंक, अमेजन डॉट कॉम इंक, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प और अल्फाबेट इंक जैसी दिग्गज कंपनिया शामिल हैं।
भारत चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 8.5 फीसदी की वृद्धिदर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
वित्त वर्ष 2021-22 में 10.25 प्रतिशत के साथ दहाई अंक की जीडीपी वृद्धि का अनुमान है, जो सरकार की प्रभावी नीतियों, आरबीआई के उदार रुख और देश में बेहतर कारोबारी भावनाओं द्वारा समर्थित है।
रिपोर्ट के मुताबिक निर्यात ने वित्त वर्ष 2021-22 में लगातार छठे महीने 30 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है और भारत में निवेश की मांग भी बढ़ रही है। विदेशी ऋण एवं जीडीपी अनुपात सहज बना हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर से रिकवरी पर जो असर पड़ा था वो छोटी अवधि का था, और पिछले साल के मुकाबले काफी सीमित भी था।
RBI के पूर्व गवर्नर के अनुसार 2,700 अरब डॉलर से 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचने के लिए अर्थव्यवस्था को लगातार पांच साल तक नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी
भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की तिमाही में रिकॉर्ड 20.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। अनुमानों के अनुसार भारत इस साल दुनिया में सबसे तेज वृद्धि हासिल करने की राह पर है।
इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
इससे पहले रिजर्व बैंक ने अनुमान दिया था कि इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 9.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज कर सकती है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि धान की रिकॉर्ड खरीद और ट्रैक्टर की बिक्री में बढ़ोतरी से आने वाले महीनों में मजबूत ग्रामीण मांग के लिए अच्छे संकेत मिलते है।
राजकोषीय घाटा अगले दो साल तक ऊंचा बना रहेगा लेकिन कर्ज/जीडीपी अनुपात स्थिर होने का अनुमान है।
सरकारी खपत को छोड़कर, ईएआई-जीवीए जुलाई 2021 में सालाना आधार पर 7.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी, जो जून 2021 में सालाना आधार पर 3.2 फीसदी से तेज थी, लेकिन मार्च-मई 2021 में धीमी रही है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि विश्व स्तर पर यह देखा गया है कि कम गतिशीलता से जीडीपी कम होती है और उच्च गतिशीलता उच्च जीडीपी की ओर ले जाती है, लेकिन यहां प्रतिक्रिया विषम है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के अपने अनुमान को बनाए रखा है जबकि अन्य विश्लेषकों का अनुमान 7.9 प्रतिशत या उससे ज्यादा का है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 21.4 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान दिया है।
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