तीस शेयरों वाला सूचकांक शुरुआती कारोबार में 33,300.81 अंक ऊपर तक गया और अंत में यह 316.41 अंक या 0.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32,832.94 अंक पर बंद हुआ।
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर सुधरकर 6.3 प्रतिशत रही है, जो कि पहली तिमाही में तीन साल के निचले स्तर पर थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि 10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना चुनौतीपूर्ण है और यह इस पर निर्भर है कि दुनिया कैसे आगे बढ़ रही है।
शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स ने 33,415.71 का निचला स्तर छुआ है जो 20 नवंबर के बाद सबसे निचला स्तर है, निफ्टी भी घटकर 10,300 के नीचे आ गया है
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 57 प्वाइंट की तेजी के साथ 33,675 के ऊपर कारोबार कर रहा है, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने 33,690.92 का ऊपरी स्तर छुआ
शेयर बाजार में आज कुछ चुनिंदा सेक्टर इंडेक्स को छोड़ ज्यादातर में गिरावट ही देखने को मिली है। निफ्टी की 50 कंपनियों में से 31 कंपनियों के शेयर घटकर बंद हुए हैं
उद्योग संघ FICCI ने आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण में आज यह संभावना जताई। अप्रैल-जुलाई तिमाही में GDP वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई थी
Goldman Sachs ने कहा कि सरकार की बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये डालने की योजना और कंपनियों के नतीजों में सुधार से शेयर बाजारों में तेजी आएगी
शेयर बाजारों की दशा व दिशा जीडीपी व विनिर्माण क्षेत्र के लिए पीएमआई आंकड़ों से भी तय होगी जो अगले सप्ताह आने हैं
मूडीज ने सोमवार को कहा कि GDP की वृद्धि दर 7.6% रहने की स्थिति में अगले एक से डेढ़ साल में कंपनियों का कर पूर्व लाभ 5 से 6 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
IMF के मुताबिक भारत में प्रति व्यक्ति औसत GDP पिछले साल 6,690 डॉलर के मुकाबले बढ़कर इस साल 7,170 डॉलर हो गया और वह 126वें पायदान पर पहुंच गया
नोमुरा के अनुसार, भारत का चालू खाता घाटा (CAD) मौजूदा वित्त वर्ष में 40 अरब डॉलर यानी देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.5% रहने का अनुमान है।
मॉर्गने स्टैनली के मुताबिक भारत में अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए जो कदम उठाए गए हैं उनसे भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
नोटबंदी और GST की वजह से उत्पन्न समस्याओं के चलते IMF ने अपनी विश्व आर्थिक रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि 2017 में 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर बनी चिंताओं के बीच विश्व बैंक ने उसकी सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी वृद्धि दर कम रहने का अनुमान जताया है।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि GDP ग्रोथ रेट में पहली तिमाही में आई गिरावट अस्थाई है और दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन सुधरेगा।
बुधवार को वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी ICSI के गोल्डन जुबली सेलिब्रेशन में पहुंचे थे, लेकिन उनका फोकस गिरती अर्थव्यवस्था पर सरकार को घेरने वालों को जवाब देने पर था। पीएम पूरी तैयारी के साथ आए थे। उन्होंने योजनाओं और विकास के सिलसिलेवार आंकड़े दिखाकर दाव
चालू वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय गिरावट के बाद फिच रेटिंग्स ने यह अनुमान घटाया है।
मॉर्गन स्टेनली के एक शोध नोट के अनुसार, भारत की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि का रुख लगातार आगे बढ़ने वाला रहा है।
पिछले वित्त वर्ष में गैर-जीवन बीमा क्षेत्र के GDP के 1% के जादुई आंकड़े को पार करने के बाद कंपनियों को अगले 5 साल में दोगुना वृद्धि होने की उम्मीद है।
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