वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में सुस्ती रहने के बावजूद जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि बढ़कर 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
भारत की अर्थव्यवस्था नोटबंदी तथा जीएसटी के क्रियान्वयन से उबर गयी है और इसकी वृद्धि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में 7.4 प्रतिशत तथा आगे और बढ़ कर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की रपट के अनुसार एशिया इस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था का मुख्य इंजन बना हुआ है और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में इस क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत से अधिक है।
नई वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था और बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या से देश की आर्थिक वृद्धि में 2017 में गिरावट आई लेकिन इसमें धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है और 2018 में वृद्धि दर के बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।
भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार दिखने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश और उपभोग में सुधार से इस साल की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2017-18 में मजबूत प्रदर्शन किया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और तेज होने की उम्मीद है।
सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि विश्वबैंक की विकास समिति की 97 वीं बैंठक में कल कहा कि भारत विश्व की सबसे वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हमारा अनुमान है कि 2018 में भारत 7.4 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) का अनुमान है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी, जो 2019 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी। वहीं इन दो वर्षों के दौरान चीन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP जीडीपी ) की वृद्धि दर क्रमश : 6.6 और 6.4 प्रतिशत रहेगी।
वर्ल्ड बैंक से पहले पिछले हफ्ते एशियन डेवलप्मेंट बैंक ने भी भारत में GDP ग्रोथ बढ़ने का अनुमान जारी किया था। एशियन डेवल्पमेंट बैंक ने 2018-19 में 7.3 प्रतिशत और 2019-20 में 7.6 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान लगाया है।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक दोगुना होकर 5,00,000 करोड़ डॉलर पर पहुंच जाने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर कोई खतरा नहीं है।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो प्रतिशत पर पहुंच गया है। दिसंबर में समाप्त इस तिमाही में यह 13.5 अरब डॉलर रहा।
IMF ने कहा कि भारत को अब शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सुधारों पर ध्यान देना चाहिए तथा बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली की दक्षता को सुधारना चाहिए
त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनाव नतीजों का असर शेयर बाजार पर दिख सकता है, ऑटो कंपनियों की सेल में बढ़ोतरी और GDP में सुधार से बाजार को पहले ही सहारा है
फरवरी के दौरान देश में कमर्शियल गाड़ियों और ट्रैक्टर्स की बिक्री में पैसेंजर गाड़ियों और टू व्हीलर की बिक्री से ज्यादा ग्रोथ आई है जो अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है
राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार चालू वित्त वर्ष के प्रस्तावित खर्चों में कोई व्यय कटौती नहीं करेगी।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2017) में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत दर्ज की गई है। विनिर्माण और खर्च में तेजी आने से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को बढ़ने में सहारा मिला है।
तेजी से डूबती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे पहला स्थान मध्य अफ्रीका का देश इक्वेटोरियल गिनी है, एक अनुमान के मुताबिक 2018 के दौरान इक्वेटोरियल गिनी की GDP निगेटिव 7.8 (-7.8) प्रतिशत रहने का अनुमान है
मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि आर्थिक सुधार को बढ़ावा मिला है और दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रही है
वित्त वर्ष 2018-19 का बजट राजकोषीय समझदारी और वृद्धि के बीच संतुलन स्थापित करने वाला है और राजकोषीय घाटे को सीमित करने की रह से थोड़े-मोड़े भटकाव का अर्थव्यस्था की कुल ताकत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने यह राय जताई है।
देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के आरंभिक अनुमानों के अनुरूप केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2016-17 में इसके 7.1 फीसदी रहने का संशोधित अनुमान जारी किया है।
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