जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 15.2 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान
मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ वीडियो पेश करने के बाद अब एक बार फिर राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है।
कुछ राज्यों और शहरों में एक बार फिर प्रतिबंध लगने से रिकवरी पर असर पड़ा
होटल, पर्यटन, मनोरंजन, यात्रा जैसे क्षेत्रों की रिकवरी में लग सकता है वक्त
सप्लाई में बाधा पड़ने से महंगाई दर पर असर संभव
2008 की चौथी तिमाही के बाद किसी भी तिमाही में दर्ज हुई सबसे ज्यादा गिरावट
2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान
अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर सुधरकर 8.5 प्रतिशत संभव
ब्रिटेन में 23 मार्च से लॉकडाउन लागू है। अब अंकुशों में कुछ ढील दी जा रही है। सोमवार से गैर-आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलने जा रही हैं।
मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर के 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 6.1 प्रतिशत थी।
व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि संगापुर के लिए बाह्य मांग परिदृश्य में गिरावट को देखते हुए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को और घटा दिया गया है।
एजेंसी के मुताबिक पहले से जारी नरमी के बीच कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा
एजेंसी के मुताबिक मजदूरों की कमी की वजह से कई सेक्टर पर दिखेगा दबाव
एजेंसी ने सरकारी समर्थन में जबर्दस्त वृद्धि करने की सलाह दी है।
फिच सॉल्युशन ने सोमवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमानों में कटौती करते हुए इसे 1.8 प्रतिशत कर दिया।
पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए।
आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक चांग योंग री ने यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा, 'आर्थिक मंदी के बावजूद सरकार ने देशव्यापी बंद लागू किया और हम भारत के समय रहते लिए गए फैसले का समर्थन करते हैं।'
लॉकडाउन लंबा चला तो अर्थव्यवस्था की स्थिति और दबाव देखने को मिल सकता है
बहुपक्षीय संस्था एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने शुक्रवार को अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर चार फीसदी रह सकती है।
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 4.64 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
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