India's GDP: भारत की अर्थव्यवस्था इस समय काफी अच्छी स्थिति में है, महंगाई कंट्रोल में है लेकिन विकसित राष्ट्र बनने का सफर अभी भी काफी लंबा है।
India's GDP: भारत हर मोर्चे पर विकास कर रहा है। देश में कम हो रही महंगाई के चलते फिच रेटिंग्स ने भी इंडिया की जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ा दी है।
RBI Governor India: भारत की तरक्की आने वाले समय में और तेजी से बढ़ने जा रही है। इसके पीछे का कारण भी अब पता चल गया है। आरबीआई गवर्नर ने इसको लेकर जानकारी दी है।
सरकार का राजकोषीय घाटा 2022-23 में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रह गया, जो 2021-22 में 6.7 प्रतिशत था। सरकार के खर्च और राजस्व के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।
सर्वेक्षण के अनुसार, पाकिस्तान में जुलाई, 2022 से लेकर मई, 2023 तक मुद्रास्फीति (Inflation) 29.2 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 11 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 11.5 प्रतिशत रखा गया था। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में कर संग्रह में उच्च वृद्धि के तौर पर सकारात्म
India GDP Growth 2023: केंद्र में मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की है...दुनिया भर की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम समय में भारत की तस्वीर बदल गई है...
India GDP Growth 2023: केंद्र में मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की है...दुनिया भर की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम समय में भारत की तस्वीर बदल गई है.
इस साल भी भारतीय अर्थव्यवस्था बुलेट की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान जताया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2023-24) में भारत की जीडीपी के 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट कहती है कि भारत एक दशक से कम समय में बदल गया है। ‘‘यह भारत 2013 से अलग है। 10 साल के छोटे से अरसे में भारत ने दुनिया की व्यवस्था में स्थान बना लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सामान्य मानसून के साथ, अगर अल नीनो घटना नहीं होती है, तो मुद्रास्फीति के 2023-24 में नीचे जाने की उम्मीद है। थोक मुद्रास्फीति के घटकर 5.2% से कम रहने का अनुमान है, जो बीते वित्त वर्ष में 6.7% थी।
रेल मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे वैष्णव ने कहा कि भारत को विश्व स्तर पर एक आकर्षक स्थान के रूप में देखा जा रहा है और दुनिया भारत में अपना भरोसा जता रही है।
भारत की अर्थव्यवस्था इस समय वैश्विक कारणों के चलते महंगाई और गिरती ग्रोथ का सामना कर रही है। यह सरकार के लिए दोहरी चुनौती बनकर सामने आ रहा है
रिजर्व बैंक ने लगातार छह बढ़ोतरी के बाद अप्रैल महीने में रेपो रेट में बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है। इससे होम और कार लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिली।
पीआईए के कर्मचारियों की मांग है कि रमजान के महीने में सरकार उनका वेतन नहीं रोके, इसके अलावा पीआईए पायलट विमान नहीं उड़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। इस बीच दुनिया भर से मदद मांग कर देश चलाने को मजबूर शहबाज सरकार के सामने IMF की नई रिपोर्ट ने बड़ी चुनौती ला दी है।
रिपोर्ट में कहा गया कि चालू खाता घाटा 2023-24 में कम होकर 2.1 प्रतिशत पर आ सकता है, जो तीन प्रतिशत था।
2022-23 की तीसरी तिमाही के लिए कल शाम जारी किए गए आंकड़ों को लेकर बहुत गलतफहमी है क्योंकि इसके साथ पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों में संशोधन भी किया गया।
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा एनएसओ ने बीते वित्त वर्ष 2021-22 की वृद्धि दर को 8.7 प्रतिशत से संशोधित कर 9.1 प्रतिशत कर दिया है।
भारत में सिकुड़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए दुनिया भर की बड़ी आर्थिक संस्थाओं ने भारत को लेकर ग्रोथ के प्रोजेक्शन में बड़ी कटौती की है।
भारत की वृद्धि बाकी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की तरह थोड़ी धीमी होगी, लेकिन वैश्विक औसत से ऊपर रहेगी। इस तरह 2023 में वैश्विक वृद्धि में भारत का योगदान लगभग 15 प्रतिशत होगा।
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