नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी विकास गति को बरकरार रख रहा है, जिसे वैश्विक मंदी के बीच एक बेहतरीन सूचक के रूप में देखा जा सकता है।
कांत ने कहा, ‘‘भारत को सीखने के परिणामों और कौशल में सुधार करने की जरूरत है, जिससे 2047 तक भारत वैश्विक स्तर पर 30 प्रतिशत कुशल जनशक्ति प्रदान कर सकेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही बढ़ती खपत, उद्यमिता, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचा जैसे तत्व एक साथ आते हैं, भारत पर वैश्विक कंपनियों का ध्यान जा रहा है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, हमें लगता है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल के लिए पर्याप्त गुंजाइश है और इसलिए वर्तमान तेजी 2003-07 के समान है।
फिच रेटिंग्स ने मजबूत घरेलू मांग और व्यापार और उपभोक्ता विश्वास के लगातार रुख के चलते अपने अनुमान में इजाफा किया है। अपने नवीनतम 'ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक' में कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि घरेलू मांग के साथ तिमाही पूर्वानुमानों से बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
मूडीज का ताजा अनुमान नवंबर 2023 में जताये गये 6.6 प्रतिशत के अनुमान से 1.40 प्रतिशत अधिक है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
गले सात वित्तीय वर्षों (2025-2031) में भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करते हुए 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगी।
India GDP: बार्कलेज की ओर से भारत के जीडीपी अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया गया है। मौजूदा समय में भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनी हुई है।
ऐसा खासकर विनिर्माण, खनन और उत्खनन और निर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के चलते संभव हो सका है। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़े में यह सामने आया है।
शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से बढ़ रहा है और वर्ष 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद के हिसाब से इसके तीसरा सबसे बड़ा देश बनने की उम्मीद है।
India GDP Growth Rate : एसबीआई रिसर्च का तीसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत से 6.9 प्रतिशत ग्रोथ रेट का अनुमान रिजर्व बैंक के 7 प्रतिशत ग्रोथ के अनुमान से कम है। इसके साथ ही एसबीआई रिसर्च ने चौथी तिमाही में ग्रोथ रेट 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है।
ब्रेंडे ने कहा, भारत अच्छी स्थिति में है और समय के साथ अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भू-राजनीतिक संघर्षों से निपटने में भारत की भूमिका पर उन्होंने कहा कि हम आने वाले वर्षों में वैश्विक राजनयिक परिदृश्य पर भारत की बड़ी छाप देखेंगे।
रिपोर्ट में कहा है कि देश को भू-राजनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में अस्थिरता से पैदा होने वाली विपरीत वैश्विक परिस्थितियों पर नजर रखने की जरूरत है।
अगले तीन वर्षों में भारत के पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित देश’ बनने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबव्रत पात्र की अगुवाई वाली टीम द्वारा लिखे गए इस लेख में कहा गया है कि सरकार ने बढ़-चढ़कर कैपिटल एक्सपेंडिचर किया है, उसका असर दिखने लगा है। इससे निजी निवेश बढ़ना शुरू हुआ है। देश में संभावित उत्पादन में तेजी आ रही है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्विट्जरलैंड के दाबोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एक ईवेंट के दौरान कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत पर है, जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य के हिसाब से अधिक है। लेकिन एक दशक पहले की तुलना में बहुत कम है।
सेमीकंडक्टर, रिन्युअल इनर्जी, ऊर्जा, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ग्रीन हाइड्रोजन, एयरोस्पेस और रक्षा, प्लग-एंड-प्ले पार्क, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, स्मार्ट ग्रीनफील्ड शहर के मामले में राज्य तरक्की की राह पर है।
आईएमएफ का अनुमान है कि जर्मनी एकमात्र G7 अर्थव्यवस्था होगी जो 2023 में 0.9 प्रतिशत पर सिकुड़ गई। यह रफ्तार साल 2024 में एडवांस इकोनॉमी के औसत 1.4 प्रतिशत से काफी नीचे रहने की उम्मीद है।
Indian Economy की रफ्तार चालू वित्त वर्ष में कायम रहेगी। एनएसओ की ओर से जारी किए गए अनुमान में बताया गया है। वित्त वर्ष24 में भारत की जीडीपी 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
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