यह नोटबंदी या 2008 की वित्तीय संकट जैसी उन चुनौतियों से अलग है, जिसकी प्रकृति अस्थायी थी।
आईएमएफ ने अप्रैल में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 2019 में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अब भी व्यापक संभावनाओं के साथ तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है।
आईएमएफ के बाद अब विश्व बैंक ने रविवार को चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत का ग्रोथ रेट अनुमान घटा दिया है। विश्व बैंक के मुताबिक, भारत की विकास दर 6 फीसदी रह सकती है।
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान 6.20 प्रतिशत से घटाकर बृहस्पतिवार को 5.80 प्रतिशत कर दिया।
इससे पहले जुलाई में एडीबी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत किया था।
दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को केंद्र सरकार से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का छह फीसदी शिक्षा पर खर्च करने का कानून बनाने की अपील की। सिसोदिया उपमुख्यमंत्री भी हैं।
दास ने कॉरपोरेट टैक्स की दर कम करने की सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक बड़ा कदम है और इससे सभी क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।
सरकार का कर संग्रह उसके तय लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से 17 सितंबर की अवधि में सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.7 प्रतिशत बढ़कर 5.50 लाख करोड़ रुपए रहा है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.25 लाख करोड़ रुपए रहा था।
आईएनएक्स मीडिया घोटाले मामले में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के ट्विटर एकाउंट से एक ट्वीट किया गया है जिसमें देश से घटते निर्यात को लेकर चिंता जताई गई है और कहा गया है कि भगवान इस देश को बचाए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि छोटे करदाताओं के डिफॉल्ट पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। साथ ही घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी, इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे।
केंद्रीय संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट एक अस्थायी रुख है। उन्होंने कहा कि भविष्य में चीजें सुधरेंगी क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है।
क्रिसिल की यह टिप्पणी उस समय आई है जब हर तरफ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 25 तिमाहियों के निचले स्तर यानी 5 प्रतिशत पर आने की चर्चा है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने देश की गिरती GDP को लेकर तंज कसा। सीबीआई हिरासत में ले जाने के दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि 'आपको 5 परसेंट याद है ना।'
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि आज अर्थव्यवस्था की हालत बेहद चिंताजनक है।
उद्योग मंडल फिक्की ने शनिवार को कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर के लुढ़ककर छह साल से अधिक समय के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ जाना निवेश एवं उपभोक्ता मांग में 'उल्लेखनीय कमी' को दिखाता है।
प्रियंका ने आरोप लगाया कि भोंपू बजाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अर्थव्यवस्था को हालत पंचर कर दी।
देश की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती का असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में दिखने लगा है। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में आई सुस्ती से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5 प्रतिशत रह गई।
चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही के दौरान आर्थिक विकास की दर घटकर सिर्फ 5 प्रतिशत दर्ज की गई है जो 7 साल में सबसे निचला स्तर है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा सरकार आगामी दिनों में उद्योग को प्रोत्साहन के लिए दो बड़े कदमों की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि उपभोग को बढ़ाने की जरूरत है।
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