निशिकांत दुबे ने संसद में कहा कि आज की नई थ्योरी है कि सस्टेनेबल इकोनोमिक वेलफेयर आम आदमी का हो रहा है या नहीं हो रहा। GDP से ज्यादा जरूरी है कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट, हैपिनेस हो रहा है की नहीं।
वित्तीय साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अपने अनुमान को काफी कम कर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए नीतिगत दर में लगातार छठवीं बार कटौती कर सकता है।
अर्थव्यवस्था में चल रही मंदी के बीच मोदी सरकार के लिए राहत की खबर आई है। नवंबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन छह फीसदी बढ़ा है। नवंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.03 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि आज जारी किए गए जीडीपी के आंकड़े 4.5% तक कम हैं। यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है। हमारे देश की आकांक्षा 8-9% की दर से बढ़ना है।
देश में बुनियादी क्षेत्रों (Core Sector) के आठ उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत घटा है जो आर्थिक नरमी के गहराने की ओर इशारा करता है।
विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गयी।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जुलाई-सितंबर के लिए त्रैमासिक वृद्धि के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए जाने हैं।
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को कहा कि कमजोर आर्थिक वृद्धि, सुस्त पड़ती कमाई से वर्ष 2020 में वित्तीय क्षेत्र को छोड़ दूसरे क्षेत्रों की ज्यादातर भारतीय कंपनियों की साख परिस्थितियां कमजोरी बनी रहेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में अर्थव्यवस्था के प्रबंधन और स्थिति को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का बचाव किया।
समस्या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से शुरू हुई और धीरे-धीरे खुदरा कंपनियों, वाहन कंपनियों, मकान बिक्री और भारी उद्योग इससे प्रभावित हुई।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर में आने वाले महीनों में खपत क्षेत्र की कमजोरी के चलते दूसरी छमाही के दौरान आर्थिक सुस्ती और गहरा सकती है। सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने सोमवार को यह अनुमान व्यक्त किया।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन के मुताबिक अर्थवव्यस्था की स्थिति ठीक नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा विकास दर से 2025 में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है।
लगभग सभी क्षेत्रों में सुस्ती का रुख जारी रहने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एसबीआई ने कहा है कि ऑटो सेक्टर में कमजोर मांग, एयर ट्रैफिक घटने, कोर सेक्टर की कमजोर वृद्धि दर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश घटने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जेडीपी वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रह सकती है।
सुस्त अर्थव्यवस्था के चलते भारत के लिए एक और बुरी खबर आयी है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग घटा दी है।
जोखिम से बचाव समेत विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देने वाली कंपनी फिच सॉल्यूशंस ने भारत के राजकोषीय घाटे को लेकर अपने अनुमान को बुधवार को बढ़ा दिया।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय अगले कुछ महीनों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) गणना की नयी श्रृंखला के लिए कुछ महीनों के भीतर नए आधार वर्ष पर निर्णय लेगा।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 5 प्रतिशत पर आ गई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8 प्रतिशत थी।
आईएमएफ ने मोदी सरकार के कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के फैसले की सराहना की है, साथ ही कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की वजह से देश में निवेश बढ़ेगा।
संपादक की पसंद