रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में लगातार दो तिमाहियों के दौरान नकारात्मक वृद्धि रहेगी।
फिच सॉल्युशन ने सोमवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमानों में कटौती करते हुए इसे 1.8 प्रतिशत कर दिया।
चीन की अर्थव्यवस्था में 2019 में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के कारण यह वृद्धि दर पिछले 29 वर्षों में सबसे कम थी
पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए।
आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक चांग योंग री ने यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा, 'आर्थिक मंदी के बावजूद सरकार ने देशव्यापी बंद लागू किया और हम भारत के समय रहते लिए गए फैसले का समर्थन करते हैं।'
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संकट ने देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ाया है। इसके प्रसार को सीमित करने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है।
लॉकडाउन लंबा चला तो अर्थव्यवस्था की स्थिति और दबाव देखने को मिल सकता है
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रह सकती है
बहुपक्षीय संस्था एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने शुक्रवार को अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर चार फीसदी रह सकती है।
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 4.64 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
वर्ष 2019 में वृद्धि 5 प्रतिशत रहने का आकलन है। मूडीज ने कहा है कि अनुमानित वृद्धि दर के हिसाब से भारत में 2020 में आय में तेज गिरावट हो सकती है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण 'लॉकडाउन' के चलते अगले वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर तेजी से घटकर 2.6 प्रतिशत पर आ सकती है।
Fitch ने अपनी ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक 2020 रिपोर्ट में कहा है कि आगे आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी।
2020 के लिए 5.3 प्रतिशत वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान 2019 के 5.3 प्रतिशत वृद्धि अनुमान के बराबर और 2018 में 7.4 प्रतिशत की हालिस की गई वृद्धि दर से काफी कम है।
कैड के आंकड़े उस दिन आए हैं जब डॉलर के मुकाबले रुपया 74.24 पर बंद हुआ। यह पिछले 17 महीने में रुपए का सबसे निचला स्तर है।
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2008-09 तथा उसके बाद 2018 में मंदी की चपेट में आया था।
इन 11 क्षेत्रों में रीयल एस्टेट, बिजली, वाहन एवं वाहन अनुषंगी, दूरसंचार तथा बुनियादी ढांचा समेत अन्य शामिल हैं।
कोर सेक्टर में बढ़त से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मदद मिलने की उम्मीद
जीडीपी के साथ कोर सेक्टर में भी ग्रोथ देखने को मिली है
अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का असर पड़ने की भी आशंका
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