अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली कंपनी डीबीएस ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए देश की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। पिछले साल जीडीपी वृद्धि 6.7 प्रतिशत रही थी।
विरमानी ने कहा कि अमेरिका चीन के बीच शुल्कों को लेकर छिड़े युद्ध से भारत के पास अमेरिका को अपना निर्यात बढ़ाने का मौका है
देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा वित्त वर्ष 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा, जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि का आंकड़ा है। यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और उद्योग के समक्ष एक नई चुनौती पेश की है। उन्होंने देश में अधिक रोजगार पैदा करने और प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए आयात में 10 प्रतिशत कमी लाने और वैश्विक व्यापर में भारत की हिस्सेदारी मौजूदा 1.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.4 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि उसने कर्ज की लगत बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम बताया है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि दर अगले दो साल में 8 प्रतिशत को पार कर सकती है। सरकार अगले सात-आठ साल में अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए नई औद्योगिक नीति बनाने समेत कई कदम उठा रही है।
वर्ल्ड बैंक ने अनुमान जताया है कि भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को कायम रख सकता है। विश्व बैंक का कहना है कि वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत, जबकि अगले दो वर्षों में 7.5 प्रतिशत रह सकती है।
वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी HSBC का कहना है कि जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.7% रहने में मुख्य रूप से ‘ सरकार का हाथ ’ है। इसके अनुसार आलोच्य तिमाही में निर्यात व निजी खपत के मोर्चों पर प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। यह सात तिमाहियों का उच्चस्तर है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने 35152.17 का ऊपरी स्तर छुआ है और फिलहाल 121.36 प्वाइंट की बढ़त के साथ 35027.47 पर कारोबार कर रहा है, निफ्टी की बात करें तो वह भी 38.70 प्वाइंट की बढ़त के साथ 10653.05 पर ट्रेड हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मलेशिया की यात्रा पर हैं और बुधवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुरी खबर सुना दी है। मूडीज ने कहा है कि उसने चालू वर्ष 2018 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटा दिया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी से देश की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। हालांकि, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सरकार द्वारा अधिक कर्ज आर्थिक वृद्धि के लिए सिरदर्द बना रहेगा।
ADB के मुताबिक चालू वित्तवर्ष 2018-19 और अगले वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान भारत में विकासदर 7 प्रतिशत के ऊपर रहने का अनुमान है
पाकिस्तान अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में पिछले एक दशक की सबसे तेज वृद्धि के आंकड़े को पार कर लेने के बावजूद छह प्रतिशत के तय लक्ष्य से कम रहने का अनुमान है। पाकिस्तान अर्थव्यवस्था में पिछले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 में इसके 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने पंजाब नेशनल बैंक में हुए 12,700 करोड़ रुपए के घोटाले के मद्देनजर मंगलवार को भारत की अर्थव्यवथा के लिए अपने अनुमान में कटौती की है।
विश्व बैंक ने आज भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 में 7.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019-20 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से सामने आईं अड़चनों के अब दूर होने और उपभोग का स्तर सुधरने की वजह से अगले वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर कुछ सुधार के साथ 7.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो जाएगी। तेजी की वजह घरेलू खपत, नीतिगत मोर्च पर आगे बढ़ना और समकालीन वैश्विक वृद्धि होगी। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2017) में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत दर्ज की गई है। विनिर्माण और खर्च में तेजी आने से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को बढ़ने में सहारा मिला है।
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