ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है। हालांकि कंपनी ने अगले साल इक्विटी सूचकांक में 8.5 प्रतिशत वृद्धि की संभावना जतायी है।
विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गयी।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जुलाई-सितंबर के लिए त्रैमासिक वृद्धि के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए जाने हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में अर्थव्यवस्था के प्रबंधन और स्थिति को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का बचाव किया।
समस्या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से शुरू हुई और धीरे-धीरे खुदरा कंपनियों, वाहन कंपनियों, मकान बिक्री और भारी उद्योग इससे प्रभावित हुई।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर में आने वाले महीनों में खपत क्षेत्र की कमजोरी के चलते दूसरी छमाही के दौरान आर्थिक सुस्ती और गहरा सकती है। सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने सोमवार को यह अनुमान व्यक्त किया।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन के मुताबिक अर्थवव्यस्था की स्थिति ठीक नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा विकास दर से 2025 में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है।
एसबीआई ने कहा है कि ऑटो सेक्टर में कमजोर मांग, एयर ट्रैफिक घटने, कोर सेक्टर की कमजोर वृद्धि दर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश घटने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जेडीपी वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रह सकती है।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 5 प्रतिशत पर आ गई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8 प्रतिशत थी।
यह नोटबंदी या 2008 की वित्तीय संकट जैसी उन चुनौतियों से अलग है, जिसकी प्रकृति अस्थायी थी।
आईएमएफ ने अप्रैल में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 2019 में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान 6.20 प्रतिशत से घटाकर बृहस्पतिवार को 5.80 प्रतिशत कर दिया।
दास ने कॉरपोरेट टैक्स की दर कम करने की सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक बड़ा कदम है और इससे सभी क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि छोटे करदाताओं के डिफॉल्ट पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। साथ ही घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी, इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे।
देश की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती का असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में दिखने लगा है। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में आई सुस्ती से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5 प्रतिशत रह गई।
खपत मांग में नरमी, मानसून में देरी, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में गिरावट से चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ने से भी निर्यात प्रभावित होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर है। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था कहीं ज्यादा बेहतर है।
सेवा क्षेत्र में सुस्ती , कम निवेश और खपत में गिरावट के बीच देश की आर्थिक वृद्धि इस साल जून तिमाही में 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने अपनी रपट में यह कहा है।
आईएमएफ ने चीन के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 2019 के लिए 6.2 प्रतिशत और 2020 के लिए 6 प्रतिशत किया है।
यदि हम 29 प्रतिशत से 30 प्रतिशत के मध्य स्तर तक पहुंच जाते हैं तो हम वास्तव में आर्थिक सुधार में तेजी के दौर में पहुंच जाएंगे और फिर हमें इस स्तर पर टिके रहने की जरूरत है।
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