भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 2016-17 के दौरान 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है। मूडीज के मुताबिक चीन में आई मंदी जैसी समस्या से निपटने के लिए भारत तैयार है
पीएम नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया आर्थिक संकट से गुजर रही है
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में GDP ग्रोथ 7.3 फीसदी रहने के बाद सरकार ने अपना ये अनुमान बढ़ाया है।
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने आज कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय जीडीपी ग्रोथ की दर 7.9 फीसदी रहने का अनुमान है
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि एनडीए सरकार की 7.1 फीसदी बढ़ोतरी के ताजा अनुमान के उलट वर्ष 2015-16 में आर्थिक ग्रोथ 7 प्रतिशत से नीचे रह सकती है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का मानना है कि इंडियन इकोनॉमी दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले कहीं अधिक मजबूती के साथ खड़ी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना है कि ग्लोबल अर्थव्यवस्था की सुस्ती और प्राइवेट सेक्टर के इन्वेस्टमेंट में कमी नए साल की मुख्य चुनौतियां होंगी।
सीईबीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत 2030 के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने शनिवार को संकेत दिया कि विश्व बैंक भारत के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान में संशोधन कर सकता है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने बुधवार को कहा कि अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान आठ फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज करेगी।
वित्त वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) घटकर 8.2 अरब डॉलर रहा है, जो कि जीडीपी का 1.6 फीसदी है।
वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि यदि अगले 10 साल के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर सतत रूप से 7 फीसदी बनी रहती है तो भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो जाएगा।
सरकार ने साल 2015-16 के लिए छमाही इकोनॉमिक सर्वे जारी कर दिया है। इसमें जीडीपी अनुमान को 8.1-8.5 फीसदी से घटाकर 7-7.5 फीसदी कर दिया गया है।
सरकार मिड-ईयर इकनॉमिक रिव्यु 18 दिसंबर को संसद में पेश करेगी, जिसमें वह चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा सकती है।
विश्व बैंक ने कहा है कि दुनिया के उभरते बाजार पांचवें साल मंदी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के चलते भारत की स्थिति मजबूत है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.4 फीसदी रही, जो कि विश्लेषकों के अनुमान के आंकड़ों और चीन की GDP रफ्तार (6.9%) से ज्यादा है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि 2015-16 में जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी के आसपास रहेगी। पिछले वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.3 फीसदी रही थी।
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा, चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने में पूरे साल के बजट अनुमान के 74 फीसदी के स्तर पर पहुंचकर 4.11 लाख करोड़ रुपय हो गया है।
भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.4 फीसदी रही है, जो चीन की तुलना में बहुत ज्यादा है।
बीते हफ्ते करीब 260 अंक चढ़ने के बाद भारतीय शेयर बाजार अगले हफ्ते भी अच्छी तेजी दिखा सकते हैं।
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