7.5 फीसदी की विकास दर के साथ भारत सरकार भले ही अपनी ताल ठोक रही है, लेकिन अमेरिका इन आंकड़ों को मनगढ़ंत मान रहा है।
भारत की आर्थिक ग्रोथ के आंकड़ों पर मॉर्गन स्टेनली को संदेह है। कंपनी के मुख्य वैश्विक रणनीतिकार रूचिर शर्मा ने कहा कि आंकड़ों के बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अनुमान जताया कि 2017-18 के दौरान भूटान की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार ब्रेक्जिट की स्थिति में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अगले दो सालों के भीतर 0.6 फीसदी घटने होने की संभावना है।
वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि देश की आर्थिक वृद्धि अच्छे मानसून के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर आठ फीसदी रहेगी। जीएसटी से भी सहारा मिलेगा।
भारत की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष के दौरान अच्छे मानसून और विनिर्माण में तेजी के साथ आठ फीसदी को पार कर जाएगी।
आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में जा रही है। हालांकि, जीडीपी के सच्चे आंकड़े एक प्रतिशत कम ज्यादा हो सकते हैं।
मोदी ने यूएसआईबीसी के सालाना समारोह में अमेरिकी कारोबारी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, अब समय आ गया है जबकि विश्व को वृद्धि के नए इंजन की जरूरत है।
मूडीज इन्वेस्टमेंट सर्विसेज ने कहा है कि ब्याज दरों में कटौती का लाभ आगे पहुंचाने से भारत की आर्थिक वृद्धि और वित्तीय साख के स्वरूप पर असर दिखेगा।
जीडीपी के आंकड़ों में विसंगति की बात स्वीकार करते हुए मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने कि सरकार ऐसी विसंगतियों को कम से कम करने का प्रयास कर रही है।
ICD का कहना है कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी बने रहने की उम्मीद है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में मानसून अच्छा रहा तो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ फीसदी तक पहुंच सकती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2015-16 में 7.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही के दौरान आर्थिक विकास दर 7.9 फीसदी रही।
भविष्य में ग्लोबल स्तर पर खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ी तो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 49 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
डायचे बैंक (डीबी) का अनुमान है कि अगले साल यानी 2017 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर इस वर्ष के 7.5 फीसदी की तुलना में 7.8 फीसदी रहेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ चालू और अगले वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी रहेगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि यह वृद्धि मुख्य तौर पर बढ़ती खपत प्रेरित होगी।
अरुण जेटली ने कहा कि इंडस्ट्री को बढ़ावा देने वाली मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से भारत आज दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।
आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने अनुमान लगाया कि 2016-17 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर मामूली सुधरकर 7.7 फीसदी रहेगी।
दिल्ली सरकार ने नए उद्यमों को बढ़ावा देने, स्टार्ट अप के वित्तपोषण और नए रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए एक सलाहकार निकाय स्थापित किया है।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी HSBC के अनुसार देश की वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में स्वत: ठीक करते हुए 7.4 फीसदी के स्तर पर बनी रह सकती है।
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