सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों को लेकर हो रही आलोचना को अरूण जेटली ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सीएसओ एक पेशेवर संगठन है।
मानसून की बारिश अच्छी रहने से चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने की उम्मीद है। फिक्की ने यह अनुमान व्यक्त किया है।
मानसून बेहतर रहने के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में करीब 8 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज करने की उम्मीद है। दास ने कहा, अच्छी बारिश हुई है।
गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि बेहतर मानसून, सरकारी वेतनमान में वृद्धि के चलते मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
इंडिया रेटिंग ने बेहतर मानसून को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक ग्रोथ दर के अनुमान को संशोधित कर 7.8 फीसदी कर दिया है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है और यह अगले दो साल में 7.5 फीसदी की ग्रोथ दर हासिल करने की राह पर है।
मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने कहा कि कारोबार माहौल को बेहतर होने और महंगाई दर में नरमी से भारत को मजबूत ग्रोथ हासिल करने में मदद मिलेगी। बैंक में जोखिम बरकरार।
मूडीज वर्ष 2016 में भारत की ग्रोथ 7.5% रहने के पूर्वानुमान को बरकरार रखा है। वहीं मौद्रिक समर्थन के चलते चीन की ग्रोथ दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) आर्थिक वृद्धि के प्रयासों को मजबूती देगा तथा अर्थव्यवस्था में भरोसा बढ़ाएगा।
खरीद क्षमता में बढ़ोतरी, खपत सुधार और मौद्रिक रूख में नरमी से देश की आर्थिक ग्रोथ दर रफ्तार पकड़ेगी। वहीं अगले दो साल में महंगाई दर 5 प्रतिशत से नीचे आएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगले 30 साल तक हर साल आठ फीसदी से अधिक की आर्थिक वृद्धि हासिल होने से दुनिया की सबसे बेहतर चीजें भारत में होंगी।
सिटीग्रुप ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अप्रैल-जून तिमाही में गतिविधियों के संकेतक कमजोर पड़ने के बावजूद 016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहेगी।
डॉयचे बैंक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। बैंक ने इससे पहले 7.6 फीसदी का अनुमान लगाया था।
बेहतर मानसून चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि को 8% के पार पहुंचा सकता है। आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 के 7.6% के मुकाबले 1% तक ऊपर जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए आगाह किया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2016-17 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया है।
सबसे बड़े फंड मैनेजर के पास इसके लिए समय नहीं है। इससे भी अजीब बात आपको यह लगेगी कि टूथपेस्ट, साबुन और डिटर्जेंट के बिक्री को देखते हुए निवेश करता है।
भारत के आर्थिक ग्रोथ के उंचे आंकड़ों को संदेह की नजर से देखने वालों में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा भी शामिल हो गए। सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
अर्थशास्त्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि किसी भी सरकार का आकलन उसके कार्यकाल के दौरान हुई प्रगति पर आधारित होना चाहिए।
7.5 फीसदी की विकास दर के साथ भारत सरकार भले ही अपनी ताल ठोक रही है, लेकिन अमेरिका इन आंकड़ों को मनगढ़ंत मान रहा है।
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