सरकार मिड-ईयर इकनॉमिक रिव्यु 18 दिसंबर को संसद में पेश करेगी, जिसमें वह चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा सकती है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.4 फीसदी रही, जो कि विश्लेषकों के अनुमान के आंकड़ों और चीन की GDP रफ्तार (6.9%) से ज्यादा है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि 2015-16 में जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी के आसपास रहेगी। पिछले वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.3 फीसदी रही थी।
भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.4 फीसदी रही है, जो चीन की तुलना में बहुत ज्यादा है।
ग्लोबल टेलिकम्युनिकेशन इंडस्ट्री जीएसएमए की स्टडी के मुताबिक मोबाइल सर्विस सेक्टर देश की जीडीपी में 2020 तक 8.2% यानी 14 लाख करोड़ रुपए का योगदान करेगा।
स्विस की ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने भारत की आर्थिक स्थिति पर संतोष जताया है। क्रेडिट सुइस ने कहा कि तेल, बिजली और गाड़ियों की मांग में बढ़ोत्तरी हुई है।
बार्कलेज के मुताबिक जुलाई से सितंबर की तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5% रहेगी। इसके अलावा अगले साल 0.50 फीसदी ब्याज दरें घटने की भी संभावना है।
यूरोप पर फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ आतंकी हमला गहरा असर डाल सकता है। तीसरी तिमाही में यूरोजोन की जीडीपी ग्रोथ रेट उम्मीद से कम 0.3 फीसदी रही है।
भारत 2015 और 2016 में जी20 देशों में सबसे अधिक आर्थिक ग्रोथ हासिल करने वाला देश रह सकता है। इसकी जीडीपी ग्रोथ 7-7.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
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