इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौद्रिक, राजकोषीय और बाहरी सख्ती का सामना कर रही है। एजेंसी ने कहा कि हालांकि अब मौद्रिक स्थितियों में नरमी आने की उम्मीद है, लेकिन वित्तीय और सख्ती वित्त वर्ष 2026 में भी जारी रहने की उम्मीद है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोलकाता में कहा कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' का प्रस्ताव चुनाव प्रक्रिया को प्रोत्साहन देगा और देश के आर्थिक विकास में मददगार साबित होगा।
दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर नहीं है। एशियाई विकास बैंक (ADB ) ने प्राइवेट इन्वेस्टमेंट में गिरावट और घरों की मांग में कमी के चलते जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है।
सुब्रमण्यन ने कहा कि कोविड के दौरान भारत ने ऐसी आर्थिक नीति लागू करने का विकल्प चुना, जो बाकी दुनिया से अलग थी।
Indian Economy : सीतारमण ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों में वैश्विक मांग में स्थिरता भी शामिल है, जिसने निर्यात वृद्धि को प्रभावित किया है।
देश में छोटी जोत वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब वे बैंक से बिना किसी गारंटी के 2 लाख रुपये तक लोन ले पाएंगे। अभी यह सीमा 1.6 लाख रुपये है।
मंत्री समूह ने तंबाकू और इससे संबंधित उत्पादों और वातित पेय पदार्थों पर 35 प्रतिशत की विशेष दर प्रस्तावित करने पर सहमति व्यक्त की है।
नागेश्वरन ने कहा कि निवेश को सौर ऊर्जा संयंत्रों या पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना पर केंद्रित नहीं होना चाहिए क्योंकि हमें सौर पैनल अपशिष्ट और पवन टरबाइन अपशिष्ट को पुनर्चक्रित करने की बढ़ती लागत को ध्यान में रखना होगा।
विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के अलावा कमजोर खपत की वजह से जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर लगभग दो साल के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई। एक साल पहले की समान अवधि में जीडीपी 8.1 प्रतिशत बढ़ी थी।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 8.1 प्रतिशत रही थी। इतना ही नहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश का जीडीपी 6.7 प्रतिशत रहा था।
आर्थिक असमानता, राजनीतिक अस्थिरता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसी अनेक समस्याओं के कारण कई देश गरीबी से जूझ रहे हैं। इनमें से कुछ देश अत्यधिक गरीबी का सामना कर रहे हैं। ऐसा ही एक देश अफ्रीका में है।
सएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चीन के लिए विकास दर को साल 2024 में 4.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन अगले साल के पूर्वानुमान को पहले के 4.3 प्रतिशत से घटाकर 4.1 प्रतिशत और 2026 में 4.5 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया।
RBI ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो 2023-24 के 8.2 प्रतिशत से कम है। दूसरी तिमाही की आर्थिक गतिविधि के आधिकारिक आंकड़े 30 नवंबर को जारी होने की उम्मीद है।
जापान के लिए एक और चिंता का विषय कमजोर होती मुद्रा है। हाल ही में अमेरिकी डॉलर लगभग 155 जापानी येन पर कारोबार कर रहा है, जो एक साल पहले 140-येन के स्तर से ऊपर है।
भारत के बारे में, मूडीज ने कहा कि घरेलू खपत में सुधार, मजबूत निवेश और मजबूत विनिर्माण गतिविधि के कारण 2024 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में साल-दर-साल 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
दुनिया की टॉप इकोनॉमीज की बात करें, तो पहला स्थान अमेरिका का है। अमेरिका की जीडीपी 28.78 ट्रिलियन डॉलर की है। दूसरा स्थान चीन का है, जिसकी जीडीपी 18.53 ट्रिलियन डॉलर की है। जर्मनी 4.59 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ तीसरे स्थान पर है।
विश्व आर्थिक परिदृश्य में आईएमएफ ने कहा कि लेटेस्ट आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि 2023-24 में 8.2 प्रतिशत से घटकर 6.5 से 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। डेलॉयट इंडिया ने वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान को सात प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत के बीच रखा है।
एडीबी के भारत के निदेशक मियो ओका ने कहा, भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच उल्लेखनीय जुझारु क्षमता दिखाई है और यह स्थिर वृद्धि के लिए तैयार है।
एसएंडपी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई जल्द से जल्द अक्टूबर में दरों में कटौती शुरू कर देगा और चालू वित्त वर्ष (मार्च 2025 में समाप्त होने वाले) में दो बार दरों में कटौती की योजना बनाएगा।
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