हमा आतंकियों का दिल आखिरकार इजरायली बंधकों पर अचानक कैसे पसीज गया। जो आतंकी बंधकों को प्रताड़ना की हद पार करते आ रहे थे, आखिर वही अचानक अब दवा कैसे पहुंचाने लगे। यह सब कैसे संभव हो पाया। इस खबर में पढ़िये। आखिर कतर ने कैसे हमास आतंकियों को इसके लिए राजी किया?
गाजा में मानवीय युद्धविराम को लेकर अरब देशों के समर्थन वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो कर दिया है जिसके बाद क्षेत्र में सीजफायर की उम्मीद फिलहाल खत्म हो गई है।
इजरायली सेना के भीषण हवाई हमले ने गाजा में फिर से कोहराम मचा दिया है। रात भर हुए भयानक मिसाइल हमले में कम से कम 18 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हुए हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जिनमें से काफी लोगों की हालत गंभीर बनी है। इजरायल-हमास युद्ध को चार महीने होने को हैं। मगर जंग थम नहीं रही।
इजरायल-हमास युद्ध के चार महीने होने को हैं, लेकिन अभी तक इसे रोका नहीं जा सका है। गाजा में लगातार हो रही आम नागरिकों की मौत को रोकने के लिए युद्ध विराम का प्रयास सफल नहीं हो सका है। इस बार कतर की मध्यस्थता भी गाजा में युद्ध विराम नहीं करवा सकी है। नेतन्याहू ने साफ कह दिया है कि हमले नहीं रुकेंगे।
इजराइली सैनिकों ने गाजा के मुख्य अस्पताल पर फिर से धावा बोल दिया। इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई। अस्पताल पर दनादन गोले भी बरसाए गए। इसकी चपेट में आने से 1 मरीज की मौत हो गई। जबकि 6 मरीज घायल हो गए।
गाजा में संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी के मुख्यालय के नीचे हमास आतंकियों की सुरंग मिलने से खलबली मच गई है। इजरायली सेना ने यह सुरंग खोजने का दावा किया है। इजरायली सेना का कहना है कि हमास के आतंकी इन्हीं सुरंगों के जरिये बिजली आपूर्ति करते थे। हालांकि यूएन एजेंसी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी।
इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा शहर में फिर ताबड़तोड़ हवाई हमला किया है। इसमें कम से कम 13 लोग मारे गए हैं। गाजा में मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच फिर से गाजा में युद्ध विराम की मांग उठने लगी है। मगर पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध विराम को इनकार कर दिया है।
इजरायल संघर्ष विराम के लिए हमास की दोनों प्रमुख मांगे मानने से इनकार कर दिया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जब तक वे अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेंगे तक गाजा से सेना नहीं हटेगी।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने गाजा युद्ध मामले में दक्षिण अफ्रीका की ओर से इजरायल पर लगाए गए आरोपों को सही पाया है। दक्षिण अफ्रीका ने गाजा में फिलिस्तीनियों की मौतों को नरसंहार बताया था। आइसीजे ने भी माना है कि इजरायली फौज ने गाजा में नरसंहार किया है। दक्षिण अफ्रीका ने इस फैसले के बाद कहा कि हम आइसीजे में सही साबित हुए।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का आरोप है कि इजरायल के सैनिकों ने बांटी जा रही राहत सामग्री को लेने के लिए खड़े लोगों पर गोलीबारी की जिसमें कई लोग मारे गए हैं।
इजरायल ने हमास के हमले में हाल में हुई अपने 21 सैनिकों की मौत के बाद युद्ध विराम और बातचीत के सारे विकल्पों को खारिज कर दिया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले से अधिक आक्रामक हो गए हैं। इससे संयुक्त राष्ट्र भी चिंतित हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने इससे दुनिया में आशांति बढ़ने का अंदेशा जताया है।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि फिलीस्तीन देश की स्थापना का रास्ता साफ होने तक वह इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य नहीं करेगा।
गाजा में इजरायली सेना ने पिछले 24 घंटे में दर्जनों मिसाइलों की बौछार कर दी है। इसमें 178 लोग मारे गए हैं और 300 लोग घायल हुए हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक इसमें 25 हजार फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।
इजरायल-हमास युद्ध में अब तक 16 हजार से अधिक बच्चों और महिलाओं की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने मौतों का ये भयावह आंकड़ा जारी किया है। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास आतंकियों के आतंकी हमले के बाद इजरायली सेना ने गाजा पर भीषण पलटवार किया है। अब तक गाजा में 23 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं।
इजरायली सेना पर गाजा विश्वविद्यालय को एक हवाई हमले में ढेर कर दिया है। हालांकि इजरायली सेना की ओर से इस बारे में कोई सूचना जारी नहीं की गई है। जबकि फिलिस्तीन की ओर से लगातार यह आरोप लगाया जा रहा है कि आइडीएफ ने फिलिस्तीनियों के विश्वविद्यालय को एयरस्ट्राइक में ध्वस्त कर दिया है। इस पर अमेरिका ने स्पष्टीकरण मांगा है।
इजरायल-हमास युद्ध के 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू फिर हूंकार भरी है। उन्होंने कहा है कि हमास को कुचलने से इजरायल को कोई रोक नहीं सकता है। अब तक इजरायली पलटवार में गाजा में 23 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
गाजा में हमास आतंकियों पर लगातार इजरायली सेना बम बरसा रही है। मगर इस बमबारी में काफी संख्या में फिलिस्तीनी बच्चे, महिलाएं और आम लोगों की मौत हो रही है। इजरायली बमबारी में अब तक 22 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। नरसंहार रोकने की मांग को लेकर दक्षिण अफ्रीका अंतरराष्ट्रीय अदालत की शरण में पहुंच गया है।
इजरायल ने हमास के साथ लड़ाई के दौरान गाजा में आम लोगों की मौत पर अपना पक्ष रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के कोर्ट में कहा कि वह नहीं बल्कि हमास नरसंहार का दोषी है।
जो बाइडेन के निर्देश पर अमेरिकी सैन्य बलों ने यूनाइटेड किंगडम के साथ मिलकर और ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड के समर्थन से यमन में हूतियों के कई ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमले किए हैं।
इजरायल-हमास युद्ध को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आम फिलिस्तीनियों की मौत की कड़ी निंदा की है। भारत ने कहा कि गाजा में आम नागरिकों की मौत अस्वीकार्य है और भारत इसकी सख्त निंदा करता है। यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास का इजरायल पर आतंकी हमला इसके लिए दोषी है।
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