अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने गाजा में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया। उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के बीच अमानवीय स्थितियों और मानवीय आपदा को कम करने के लिए सहायता के प्रवाह को बढ़ाने के लिए इजराइल पर दबाव डाला।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इजरायली सेना पर राफाह में 10 और फिलिस्तीनियों की हत्या का आरोप लगाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार तंबू में शरण लिए लोगों पर इजरायली सेना ने हवाई हमला कर दिया। इसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले आइडीएफ पर गुरुवार को 115 फिलिस्तीनियों की हत्या का भी आरोप लग चुका है।
गाजा में बृहस्पतिवार को मारे गए 115 फिलिस्तीनियों और घायलों की हालत देखकर डॉक्टरों ने कड़वी सच्चाई बयां की है। डॉक्टरों के अनुसार लोगों को गोली मारी गई है। वहीं कुछ लोग कुचलने से भी घायल हुए हैं। जबकि इजरायली सेना लोगों पर गोलीबारी करने के आरोप को खारिज कर चुकी है।
कई महीनों से गाजा और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष के बीच अब तक हजारों लोगों की मौत हो गई है। वहीं घायलों की सहायता के लिए अमेरिका हवाई मार्ग से मदद पहुंचाएगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
भारत ने गाजा में गुरुवार को मानवीय सहायता के इंतजार में खड़े 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। भारत ने गाजा में फिलिस्तीनियों के लिए मानवीय मदद मुहैया कराने के समस्त प्रबंध किए जाने की अपील की है। इन मौतों पर संयुक्त राष्ट्र ने इजरायली सेना की कड़ी निंदा की है।
गाजा में बीते 24 घंटे में 104 नागरिकों की मौत पर फिलिस्तीन भड़क उठा है। फिलिस्तीन ने इसे इजरायली सेना की ओर से किया गया नरसंहार बताया है। वहीं इजरायली सेना का इस मद में अलग दावा है। आइडीएफ का कहना है कि सहायता का इंतजार कर रहे लोगों की मौत कुचलने की वजह से हुई है।
गाजा में भूख से लोग बेहाल हो उठे हैं। संयुक्त राष्ट्र के दावे के अनुसार गाजा की 25 फीसदी से ज्यादा आबादी भुखमरी के कगार पर है। इससे हालात बेकाबू हो गए हैं। नतीजतन गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने वाले ट्रकों को लूटा जा रहा है। लोग राहत सामग्रियों की लूट करने के लिए ट्रक पर गोलीबारी तक कर रहे हैं।
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने कहा कि अराजकता और हिंसा के कारण उसे उत्तरी गाजा में खाद्य पदार्थ की आपूर्ति को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा तीन सप्ताह पहले एक ट्रक पर हमला होने के बाद पहली बार खाद्य पदार्थ की आपूर्ति रोकी गई थी।
हमा आतंकियों का दिल आखिरकार इजरायली बंधकों पर अचानक कैसे पसीज गया। जो आतंकी बंधकों को प्रताड़ना की हद पार करते आ रहे थे, आखिर वही अचानक अब दवा कैसे पहुंचाने लगे। यह सब कैसे संभव हो पाया। इस खबर में पढ़िये। आखिर कतर ने कैसे हमास आतंकियों को इसके लिए राजी किया?
गाजा में मानवीय युद्धविराम को लेकर अरब देशों के समर्थन वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो कर दिया है जिसके बाद क्षेत्र में सीजफायर की उम्मीद फिलहाल खत्म हो गई है।
इजरायली सेना के भीषण हवाई हमले ने गाजा में फिर से कोहराम मचा दिया है। रात भर हुए भयानक मिसाइल हमले में कम से कम 18 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हुए हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जिनमें से काफी लोगों की हालत गंभीर बनी है। इजरायल-हमास युद्ध को चार महीने होने को हैं। मगर जंग थम नहीं रही।
इजरायल-हमास युद्ध के चार महीने होने को हैं, लेकिन अभी तक इसे रोका नहीं जा सका है। गाजा में लगातार हो रही आम नागरिकों की मौत को रोकने के लिए युद्ध विराम का प्रयास सफल नहीं हो सका है। इस बार कतर की मध्यस्थता भी गाजा में युद्ध विराम नहीं करवा सकी है। नेतन्याहू ने साफ कह दिया है कि हमले नहीं रुकेंगे।
इजराइली सैनिकों ने गाजा के मुख्य अस्पताल पर फिर से धावा बोल दिया। इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई। अस्पताल पर दनादन गोले भी बरसाए गए। इसकी चपेट में आने से 1 मरीज की मौत हो गई। जबकि 6 मरीज घायल हो गए।
गाजा में संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी के मुख्यालय के नीचे हमास आतंकियों की सुरंग मिलने से खलबली मच गई है। इजरायली सेना ने यह सुरंग खोजने का दावा किया है। इजरायली सेना का कहना है कि हमास के आतंकी इन्हीं सुरंगों के जरिये बिजली आपूर्ति करते थे। हालांकि यूएन एजेंसी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी।
इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा शहर में फिर ताबड़तोड़ हवाई हमला किया है। इसमें कम से कम 13 लोग मारे गए हैं। गाजा में मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच फिर से गाजा में युद्ध विराम की मांग उठने लगी है। मगर पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध विराम को इनकार कर दिया है।
इजरायल संघर्ष विराम के लिए हमास की दोनों प्रमुख मांगे मानने से इनकार कर दिया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जब तक वे अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेंगे तक गाजा से सेना नहीं हटेगी।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने गाजा युद्ध मामले में दक्षिण अफ्रीका की ओर से इजरायल पर लगाए गए आरोपों को सही पाया है। दक्षिण अफ्रीका ने गाजा में फिलिस्तीनियों की मौतों को नरसंहार बताया था। आइसीजे ने भी माना है कि इजरायली फौज ने गाजा में नरसंहार किया है। दक्षिण अफ्रीका ने इस फैसले के बाद कहा कि हम आइसीजे में सही साबित हुए।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का आरोप है कि इजरायल के सैनिकों ने बांटी जा रही राहत सामग्री को लेने के लिए खड़े लोगों पर गोलीबारी की जिसमें कई लोग मारे गए हैं।
इजरायल ने हमास के हमले में हाल में हुई अपने 21 सैनिकों की मौत के बाद युद्ध विराम और बातचीत के सारे विकल्पों को खारिज कर दिया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले से अधिक आक्रामक हो गए हैं। इससे संयुक्त राष्ट्र भी चिंतित हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने इससे दुनिया में आशांति बढ़ने का अंदेशा जताया है।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि फिलीस्तीन देश की स्थापना का रास्ता साफ होने तक वह इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य नहीं करेगा।
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