कनाडा ने गाजा के नागरिकों को अस्थाई वीजा देने की घोषणा की है। इस घोषणा से इजराइल हमास की जंग के कारण गाजा में फंसे कई नागरिकों को कनाडा पहुंचना आसान हो जाएगा। जानिए इसके लिए कनाडा की क्या शर्त है?
इजरायली सेना हमास के जिस शीर्ष आतंकी को ढूंढ़ रही है, उसका पता चल गया है। यह आतंकी फिलहाल इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थ की सबसे बड़ी भूमिका निभा रहे मिस्र देश में है। गाजा में दोबारा युद्ध विराम की वार्ता के लिए वह मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंच चुका है। यह आतंकी इस्माइल हनियेह है, जिसने हमास का गाजा में खड़ा किया था।
इजराइल गाजा में संघर्ष विराम के लिए तैयार हो गया है। इसके लिए इजराइल ने शर्त रखी है। इजराइल ने कतर से कहा है कि वह हमास द्वारा बंधक बनाए गए 40 लोगों की रिहाई के बदले गाजा में संघर्ष विराम के लिए तैयार है।
गाजा में एक बार फिर संघर्ष विराम की संभावना नजर आ रही है। गाजा में बंधकों की रिहाई के समझौते को लेकर अमेरिकी अधिकारी और कतर के प्रतिनिधि बातचीत के लिए यूरोप पहुंचे हैं।
ईरानी कमांडर होसैन सलामी ने अमेरिका को बड़ी चेतावनी दी है। ईरानी कमांडर ने मिडिल ईस्ट में अमेरिका के घटते वजूद पर कटाक्ष किया। साथ ही कहा कि जिस तरह से अफगानिस्तान से अमेरिका भागा है, हम गाजा से उसे वैसे ही भगाएंगे। जानिए ईरानी कमांडर ने और क्या कहा?
इजरायल की सेना ने एक वीडियो जारी करते हुए दावा किया है कि गाजा के नागरिकों के द्वारा इजरायल के अस्पतालों में आने के लिए बनी सुरंग का इस्तेमाल आतंकी करते थे। बताया जा रहा है कि ये सुरंग लगभग चार किलोमीटर लंबी है।
हमास से जंग लड़ रही इजरायली सेना से गाजा में महज 48 घंटे के भीतर दूसरी सबसे बड़ी चूक हुई है। इजरायल ने हवाई हमले में अपने मददगार अमेरिका के ही एक कर्मचारी को मार गिराया है। अभी एक दिन पहले ही इजरायल ने इससे पहले अपने ही 3 बंधकों को गाजा में गलती से मार दिया था।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच एक पत्रकार की दर्दनाक मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि अलजजीरा के दो पत्रकार दक्षिणी गाजा में कवरेज की लिए मौजूद थे। वहां एक हमला हुआ था। इसी दौरान स्कूल पर इजरायल ने एक और ड्रोन हमला कर दिया। इसमें अलजजीरा का कैमरामैन मलबे में दब गया। जबकि रिपोर्टर घायल होकर बच निकला। कैमरामैन की मौत हो गई।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक में गाजा में संघर्षविराम का प्रस्ताव पारित हो गया है। भारत सहित 153 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। जानिए गाजा में संघर्षविराम प्रस्ताव का किन देशों ने विरोध किया?
इजरायली सेना पहली बार गाजा हमले में एआइ तकनीकि का इस्तेमाल करने जा रही है। आइडीएफ ने कहा है कि वह गाजा में पहला एआइ हमला करने जा रही है। पहले टारगेट में 100 ठिकानों को तबाह किया जाएगा। इजरायली सेना के पलटवार में गाजा में अब तक 17 हजार 700 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
इजरायल-हमास के बीच भीषण जंग थमने का नाम नहीं ले रही ऐसे में गाजा में मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार गाजा में मरने वालों की संख्या 17 हजार 700 का आंकड़ा पार कर चुकी है। मृतकों में भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
गाजा पट्टी में तत्काल युद्ध विराम के प्रस्ताव पर अमेरिका एक बार फिर से इजरायल का साथ दिया है और वीटो कर प्रस्ताव को खारिज करा दिया। प्रस्वात के विरोध में इजरायल के साथ महज 13 देश ही थे।
इजरायल ने शुक्रवार को गाजा पर अब तक का सबसे भीषण और बड़ा हमला बोला है। आइडीएफ ने बीते 24 घंटों में गाजा के 450 ठिकानों को तबाह कर दिया है। हमास के अनुसार इजरायल के इस हमले में 350 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। नागिरकों की इसस मौत पर अमेरिका ने भी गहरी चिंता जाहिर की है।
सूडानी के कार्यालय के एक बयान के अनुसार, इराकी प्रधान मंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक फोन कॉल के दौरान कहा कि बगदाद "इराकी क्षेत्र पर किसी भी हमले" को खारिज करता है, जिसके एक दिन बाद यह हमला हुआ।
गाजा में भारतीय मूल के एक सैनिक की मौत हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार गाजा में अब तक भारतीय मूल के कम से कम 4 सैनिकों की युद्ध के दौरान जान जा चुकी है। ये सभी इजरायल की ओर से हमास से जंग लड़ रहे थे।
इजराइल और हमास की जंग को गुरुवार को दो महीने पूरे हो गए। इसी बीच बुधवार को पहली बार हमास और इजराइल की सेना ने आमने सामने की जंग लड़ी। उधर, पहली बार अब जाकर संयुक्त् राष्ट्र की नींद खुली। यूएन महासचिव ने ये बड़ा कदम उठाया है।
हमास के साथ सीजफायर के खत्म होने के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी पर एक नई ताकत के साथ हमला करना शुरू कर दिया है और इसका असर खान यूनिस पर देखने को मिल रहा है।
इजरायली सेना को 30 वर्षों में 3 बार गच्चा देकर बच निकलने वाला उत्तरी गाजा का टॉप हमास कमांडर अब चौथी बार आइडीएफ के हमले में ढेर हो गया है। इस बार इजरायली सेना ने कोई गलती नहीं की। युद्ध विराम के बीच हमास के लिए यह सबसे हतोत्साहित करने वाली खबर है। हमास ने खुद अपने कमांडर के मारे जाने की पुष्टि की है।
हमास ने इजरायल पर युद्ध विराम समझौते की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए बंधकों की रिहाई कई घंटों तक टाले रखी, जिसके कारण तनावपूर्ण गतिरोध पैदा हो गया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता प्रयासों से इस गतिरोध को दूर कर दिया गया। युद्धविराम के पहले दिन हमास ने करीब 240 बंधकों में से 24 लोगों को रिहा किया था।
इजरायल-हमास युद्ध विराम समझौते के दूसरे दिन हमास ने 13 इजरायलियों और 4 विदेशी बंधकों को रिहा किया। बदले में इजरायली सेना ने करीब 51 फिलिस्तीनियों को जेल से मुक्त किया। मगर हमास ने देर शाम तक इजरायली बंधकों की रिहाई को रोके रखा। इससे दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया था।
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