हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी और शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था। इसके बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट आई थी। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बिजनेसमैन गौतम अडानी से मुलाकात की। इस मुलाकात पर बीजेपी ने तंज कसा और कहा-राहुल गांधी की कोई नहीं सुनता, ये तो तस्वीर ही बता रही है।
हिंडनबर्ग की जनवरी में रिपोर्ट आने के बाद से टोटल का अडाणी समूह में यह पहला निवेश है। रिपोर्ट में अडाणी समूह पर लेखा और शेयरों में धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। टोटल कंपनी के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम के गठन को लेकर स्वयं या अपनी सहयोगी इकाइयों के जरिये 30 करोड़ डॉलर का और निवेश करेगी।
इसमें दोनों की 50-50 प्रतिशत साझेदारी होगी। संयुक्त उद्यम जापान, ताइवान और हवाई में उत्पादों के विपणन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
सिर्फ 24 घंटे में अडानी के नेटवर्थ में 681 मिलियन डॉलर का इजाफा दर्ज किया गया। इतनी नेटवर्थ के साथ अब गौतम अडानी दुनिया के 19वें सबसे अमीर हस्ती हैं।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति प्रदर्शित करेगा.इस डिनर में करीब 500 बिजनेस हस्तियों को निमंत्रण भेजा गया है.
बीते बुधवार को सबसे ज्यादा कमाई के मामले में गौतम अडानी (Gautam Adani) दूसरे नंबर पर रहे।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि तमाम आरोपों और सबूतों के बाद भी भारत की जांच एजेंसियां गौतम अडानी से पूछताछ क्यों नहीं कर रही हैं।
अडाणी समूह ने एक बयान में स्पष्ट रूप से इनका खंडन करते हुए कहा कि इसमें पुराने आरोपों को अलग तरीके से दोबारा पेश किया गया।
अदानी समूह ने ऑर्गेनाइडज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) द्वारा लगाए गए छिपे विदेशी निवेशकों के 'दोबारा थोपे गए' आरोपों को कड़ाई से अस्वीकार कर दिया है।
समूह के प्रवर्तकों ने 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से पांच की हिस्सेदारी जीक्यूजी पोटनर्स जैसे निवेशकों को बेची है। इससे समूह की कंपनियों के शेयरों में सुधार हुआ है।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अडाणी एंटरप्राइजेज के लिए अच्छी खबर है। किसी कंपनी में उसके प्रमोटर द्वारा हिस्सेदारी बढ़ाने का मतलब होता है कि उस कंपनी पर प्रमोटर का विश्वास बढ़ रहा है।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि Adani Group के शेयर की कीमतों में वृद्धि वैश्विक निवेशकों की रुचि बढ़ने के कारण है। लगता है कि निवेशकों ने डेलॉयट के हालिया मुद्दे को पीछे छोड़ दिया है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, अडाणी समूह की 10 कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन शुक्रवार को 10.96 लाख करोड़ रुपये हो गया।
हिंडनबर्ग ने जनवरी में अडाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी और शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था।
डेलॉयट ने इस्तीफा देने से पहले हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की बाहर से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर में बड़ी बिकवाली देखने को मिली थी।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी की कंपनियों पर वित्तीय अनियमितता के आरोपों के बाद यह समूह द्वारा किया गया पहला बड़ा सौदा है।
पहली तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 2,404 करोड़ रुपये हो गई जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 1,701 करोड़ रुपये थी।
कंपनी रजिस्ट्रार से अनुमति मिलने के बाद ही कंपनी ने यह कदम उठाया गया है। कंपनी 14 राज्यों में उपस्थिति के साथ देश की सबसे बड़ी निजी पारेषण (ट्रांसमिशन) कंपनी है।
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