गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने यात्रा शुरू होने के पहले ही 6 दिनों में पिछले सालों के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं और चारधाम यात्रा के लिए लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है।
उत्तराखंड में गंगोत्री धाम की तरफ जा रही ट्रैवलर दुर्घटना का शिकार हो गई, जिसमें 8 लोग घायल हो गए हैं। ट्रैवलर में ड्राइवर समेत 18 लोग सवार थे जिनमें 2 बच्चे भी थे। सभी गुजरात के अहमदाबाद शहर के रहने वाले हैं।
चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। 10 मई को तीन मंदिरों के कपाट खोले गए और 12 मई को बदरीनाथ के कपाट खोले गए। इस बीच उत्तरकाशी पुलिस ने लोगों से खास अपील की है। पुलिस ने कहा कि आज की यात्रा को श्रद्धालु स्थगित कर दें।
इस साल 27 अप्रैल की तारीख से श्रद्धालुओं के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए थे। जारी की गई जानकारी के मुताबिक, अब तक 16 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं।
शरद ऋतू के दौरान यहां भीषण ठंड पड़ती है। इस वजह से चारों धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस बार चार धाम की यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हुई थी।।
उत्तराखंड के गंगनानी में एक यात्री बस खाई में गिर गई है। इस हादसे में कई लोगों की मौत हुई है और कई घायल हैं।
इस साल 109 लोगों का यह जत्था श्रवण मास के पहले दिन से उत्तराखंड के गंगोत्री से गंगाजल लेकर तमिलनाडु के रामेश्वरम जा रहे हैं। इनका कहना है कि हमारी कावड़ यात्रा निरंतर 24 घंटे चलती रहती है और लगभग 1 माह के अंदर उनकी कांवड़ यात्रा रामेश्वरम पहुंच जाएगी।
चारधाम यात्रा के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। आंकड़े के अनुसार अब तक 20 लाख तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा कर चुके हैं। वहीं सबसे ज्यादा भक्त केदारनाथ दर्शन के लिए पहुंचे हैं।
ऋषिकेश में आयोजित 'ऋषिकेश से चारधाम यात्रा-2023' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया और चारों धामों के देवी-देवताओं- बाबा केदार, बदरीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमुनोत्री से पिछले साल की तरह इस साल भी यात्रा के धूमधाम एवं कुशलतापूर्वक संपन्न होने की प्रार्थना की।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुल रहे हैं। गंगोत्री प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है। गंगोत्री नगर से 19 किमी दूर गोमुख है, जो गंगोत्री हिमानी का अन्तिम छोर है और गंगा नदी का उद्गम स्थान है।
आज श्री केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक विधि-विधान के साथ शीतकाल हेतु बंद हो गए हैं। इस वर्ष कपाट खुलने के उपरांत लगभग 16 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए
अव्यवस्थाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं हैं।
पिछले कुछ वर्षों की भांति इस बार भी मतगणना के दौरान राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता की दिलचस्पी गंगोत्री सीट का परिणाम जानने में अधिक थी और भाजपा प्रत्याशी सुरेश चौहान के जीतने की सूचना मिलते ही मान लिया गया कि अब प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी।
जानकारी के मुताबिक उत्तरकाशी के हेलुगढ़ के पास लैंडस्लाइड के चलते गंगोत्री हाईवे को बंद करना पड़ा।
शनिवार को सुबह साढ़े सात बजे विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट छह माह के लिए खोल दिए गए। कोरोना महामारी के चलते इस बार बिना श्रद्धालुओं के कपाट खोले गए।
देश में कोरोना वायरस का प्रकोप अपने चरम पर है। भारत में संक्रमितों की संख्या 14 लाख के पार पहुंच गई है।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट सोमवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर शीतकाल के लिये श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिये गये।
अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा की शुरूआत हो जायेगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी में हुए हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
गंगोत्री जाने के लिए यही एकमात्र पुल है और 18 अप्रैल को धाम के कपाट खुलने हैं...
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