वैसे तो बनारस में सालों भर सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन कोविड के दौरान ये सिलसिला टूट गया था। अब बनारस फिर से अपने रंग में रंग गया है। यहां पर पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी हुई है।
ऋषिकेश में गंगा के ऊपर बने लक्ष्मण झूले का निर्माण अंग्रेजों के समय वर्ष 1927 से 29 के बीच किया गया था। अब सिकी जगह पर बजरंग सेतु का निर्माण कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि, यह पुल जुलाई 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा और आवागमन के लिए खोल दिया जायेगा।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सभी देव देवलोक से उतरकर भगवान शिव की नगरी काशी में गंगा के घाटों पर आकर भगवान शिव की विजय की खुशी में दिवाली मनाते हैं। इस दिन माता गंगा की पूजा की जाती है। काशी के रविदास घाट से लेरप राजघाट तक लाखों दीए जलाए जाते हैं।
Bihar News: छठ पर्व को लेकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। कोरोनाकाल के बाद पहली बार पूरी छूट के साथ बिहार में खासतौर पर पटना में छठ पर्व को लेकर उल्लास है। लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने से जरूर थोड़ी चिंता रही है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अब पटना में गंगा के जलस्तर में कमी आने लगी है।
Bihar News :नीतीश कुमार छठ घाटों के निरीक्षण के दौरान एक हादसे में बाल-बाल बच गए। वे गंगा नदी में स्टीमर से छठ घाटों का निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान उनका स्टीमर तेज झटके के साथ बंद हो गया। झटका लगते ही वे लड़खड़ा गए।
Hookah, Non-Veg Boat Party on Ganga: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ युवक एक नाव में हुक्का एवं नॉनवेज पार्टी करते देखे गए थे।
UP News: इस कृत्य से गंगा नदी के प्रति लोगो की आस्था के साथ खिलवाड़ कर पिकनिक मनाना इन युवकों को भारी पड़ गया है। प्रयागराज पुलिस अब इनकी तलाश में जुट गई है।
Arth Ganga Kendra: यह प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं अन्य गतिविधियों से क्षेत्र में आर्थिक और परिस्थितिकी के अनुकूल कार्यो को प्रोत्साहित करेगा, जो समुदाय के लिए उपयोगी हों। इस योजना की अनुमानित लागत 5.20 करोड़ रूपये है और इसकी अवधि 36 महीने निर्धारित की गई है।
Bihar News: शेखपुरा के रहने वाले मुकेश कुमार के परिजन अपने परिवार की एक महिला के श्राद्ध कर्म के बाद उमानाथ गंगा घाट पर स्नान कर रहे थे। परिवार का एक बच्चा गंगा नदी की तेज धारा में बहने लगा जिसके बाद उसे बचाने के लिए एक-एक कर पांच लोगों ने छलांग लगा दी।
ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारी जिलाधिकारी के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, उसकी बानगी हरिद्वार रोड पर डंपिंग ग्राउंड में देखी जा सकती है। यहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सुअरों को डंपिंग ग्राउंड में सिर्फ ब्लीचिंग पाउडर डालकर छोड़ दिया जा रहा है।
हरकी पौड़ी से कई फीट की ऊंचाई से बिना किसी डर के गंगा में छलांग लगाने वाली इस बुजुर्ग महिला की उम्र 70 वर्ष से ज्यादा है। इस उम्र में कोई भी इस तरह का स्टंट करने के बारे में तो सोच भी नहीं सकता है, मगर इस बुजुर्ग महिला ने इसे गलत साबित कर दिया है।
सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत अन्य सैन्य अधिकारियों का 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया था। आज वीआईपी घाट पर जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां विसर्जित की गई।
पंचायत प्रमुख सीमा हलदर ने बताया कि राहत के तौर पर इन परिवारों को चावल, चिउड़ा और गुड़ मुहैया कराया गया है।
पिछले कुछ सप्ताह से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है और वह फिलहाल निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। जलस्तर नौ अगस्त को ही खतरे के निशान को पार कर गया था।
कुछ जिलों में नदी से शव निकाले जाने के बाद सरकार द्वारा एक अध्ययन करवाया गया था, इस अध्ययन में गंगा के पानी में कोरोना वायरस के कोई अंश नहीं पाये गए हैं।
उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को याचिका दायर कर ऐसे कई लोगों की मौत की जांच की मांग की गई जिनके शव बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में बहते पाए गए थे।
बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर गंगा नदी में मिले शवों को लेकर अब बिहार में सियासत तेज हो गई है। इस बीच, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सरकार पर इस मामले को लेकर निशाना साधा है।
उन्नाव के डीएम का कहना है कि गाँवों में कई बार परंपरागत रूप से लोग शव को दफ़ना देते है.अब घाट पर प्रशासन की टीम पहुँच गई है लोगों से कहा जा रहा है कि वो शव दफ़नाए नही पूरी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करे
पूर्वी यूपी और बिहार में गंगा नदी में संदिग्ध कोविड रोगियों के शवों को तैरते हुए देखे जाने के चार दिन बाद, एक रिपोर्ट से पता चला है कि उन्नाव जिले में गंगा नदी के किनारे दो स्थानों पर कई शव रेत में दफन किए गए हैं।
UP के उन्नाव में दिखीं भयावह तस्वीरें, दाह संस्कार की जगह गंगा किनारे रेत ... यहां गंगा नदी के किनारे ही लोगों ने शवों को रेत में दफना दिया।
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