गांधी जयंती के इस खास मौके में उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे ही विचार बताने जा रहे हैं जिन्हें अपना कर आप सही रास्ते पर जा सकते है।
वह 1924 की जनवरी की एक अंधेरी और तूफानी रात थी जब पुणे के सूसन अस्पताल में महात्मा गांधी के अपेंडिक्स का ऑपरेशन हो रहा था। आंधी-पानी के दौरान बिजली चली गई तो ऑपरेशन के लिए फ्लैशलाइट की मदद ली गई।
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