पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत को गलवान घाटी की घटना को गश्ती-टकराव मानकर खारिज करने की गलती नहीं करनी चाहिए।
ऊर्जा विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को 'भाषा' को बताया कि प्रदेश में अब चीन बने बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगा दी गई है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लेह पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात की। आर्मी चीफ ने उन घायल सैनिकों से भी मुलाकात की जो LAC पर चीन के साथ हुई झड़प में घायल हो गए थे।
भारतीय सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और एलएसी पर चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है।
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाता है कि चीन इस हमले के जरिए भारत को अपनी ताकत का संदेश देना चाहता था। हालांकि चीन की यह योजना उल्टी पड़ गई और इस हिंसक झड़प में उसके 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हो गए।
कमांडर्स लेवल की बातचीत के बाद चीन झुक गया है। कल की बातचीत में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी है और जिन प्वाइंट को लेकर टेंशन है, उनसे दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी।
चीन से तनाव के बीच सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे हालात का जायजा लेने के आज दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंच गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख लद्दाख में तैनात कमांडरों के साथ गतिरोध पर चर्चा करेंगे और अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आज पहली बार जयशंकर और वांग यी आमने-सामने होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर आज रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे।
सोमवार को सहरद पर भारत और चीन के बीच एक बार फिर कोर कमांडर लेबल की बात हुई और इसमें भारत ने साफ कर दिया कि चीन को दो मई से पहले वाली स्थिति बहाल करनी होगी।
भारत चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की मॉलदो में सुबह 11:30 बजे से चल रही मीटिंग खत्म हो गई है। इस मीटिंग में पेंगोंग सो, पेट्रोलिंग पॉइंट 14 , पेट्रोलिंग पॉइंट 15 और पेट्रोल पॉइंट 17 के बारे में चाइनीज एक्शन को डिसकस किया गया।
यूपी कांग्रेस ने इंदिरा गांधी की फोटो के साथ एक ऐसा ट्वीट किया है, जिसका स्क्रीन शॉट तेजी से वायरल हो रहा है।
मौजूदा भारत-चीन सीमा गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए सिंह ने शनिवार को एक समाचार चैनल से कहा, “अगर हमने 20 सैनिक गंवाए हैं तो उनकी (चीन की) तरफ भी दोगुने से ज्यादा लोग मारे गए हैं।”
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच सीमा पर हुई हिंसक झड़पों के बाद कल पहली बार जयशंकर और वांग यी आमने-सामने होंगे।
भारतीय सेना और चीनी की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच आज एक बार फिर से बातचीत हो रही है। ये बातचीत भारतीय सेना और चीनी पीएलए के सैन्य अधिकारियों के बीच हो रही है।
भारत ने पहले ही 15 जून के बाद चीन के साथ सीमा पर आगे के स्थानों के लिए फाइटर जेट्स जुटा लिए हैं और हजारों अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं।
15 जून को, 1967 के बाद से भारत-चीन सीमा पर सबसे भीषण हिंसा ने 20 भारतीय सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान कर किया। यह टकराव गलवान घाटी में हुआ, जो 1962 से संघर्ष का स्थल नहीं है।
चीन के खिलाफ भारतीय सेना को खुली छूट देने पर चीन में खलबली मच गई जिसके बाद चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गीदड़भभकी दी है।
चीन से तनाव को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है और कहा है कि हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए।
इस संघर्ष के बाद दोनों सेनाओं के बीच मेजर जनरल लेवल टॉक्स सुबह से शुरू हुई, जो तीन दिन तक चलने के बाद फिर स्थिति सामान्य हुई, लेकिन अभी भी पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर तनाव बरकरार है।
वरिष्ठ राजनयिक व पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश का मानना है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हाल का विवाद "अकस्मात" नहीं, बल्कि चीन की सोची समझी कूटनीतिक चाल थी।
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