केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि भारत हमेशा अपने उन सैनिकों के प्रति ऋणी रहेगा जिन्होंने लद्दाख के गलवान में देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी।
कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक के जरिए विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले सारे सवालों का जवाब दे सकते हैं। ताकि चीन से विवाद के मसले पर किसी तरह का किसी को भ्रम न हो।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के विरोध में मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के ट्रांसपोर्टरों ने बुधवार को घोषणा की कि वे बृहस्पतिवार से चीनी कम्पनियों के माल की बुकिंग नहीं करेंगे।
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सोमवार रात लगभग 120 भारतीय सैनिकों (करीबन एक पूरी कंपनी) को घेर लिया और उन पर कपटपूर्ण तरीके से बर्बरतापूर्ण हमले किए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गलवान घाटी में शहीद राज्य को दो जवानों के परिजनों पांच-पांच लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
गलवान घाटी में देश के सैनिकों की शहादत और एलएसी पर जारी तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से बात की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय डिजिटल बैठक बुलाई है। यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब विपक्षी दल लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने भारत चीन सैनिकों के बीच लद्दाख में हिंसक झड़प पर कहा ''गालवान घाटी में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए हमारे वीर सैनिकों को खोने का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
कई देशों ने चीन के साथ व्यापार पर लगाम लगाना शुरू कर दिया है और चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है। चीनी नेतृत्व इस बात से चिंतित है और दुनिया का ध्यान भटकाना चाहता है।
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