हर खबर की पीछे की सच्चाई जानने के लिए देखिये हक़ीकत क्या है.
भाजपा नेता आरोप लगाया कि 2017 में डोकलाम गतिरोध के समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने चीनी राजदूत के साथ रात्रिभोज किया था और पहले कांग्रेस ने इससे इनकार किया और बाद में इसे स्वीकारा।
कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राहुल ने देश में कोरोना महामारी और देश के वीर सैनिकों की शहादत के सम्मान में यह निर्णय लिया।
'द फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉई' ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। इस विज्ञप्ति में FWICE ने लोगों से किसी भी चीनी समान, अभिनेताओं और तकनीशियनों को फिल्मों में काम न देने का आग्रह किया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारी चीन के जवानों के हताहत होने के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि चीन के अधिकारिक मीडिया ने चीनी सैनिकों के हताहत होने की बात भी स्वीकार की है, लेकिन कितने सैनिक मारे गए या घायल हुए, यह उल्लेख नहीं किया है।
झाओ से उन आरोपों के बारे में पूछा गया कि चीनी सैनिकों ने कर्नल संतोष बाबू और अन्य भारतीय सैनिकों पर लोहे की छड़ों तथा कंटीली तार लगे डंडों से बर्बर हमला किया और क्या यह विवाद तब शुरू हुआ जब भारतीय सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन द्वारा बनाए जा रहे ढांचों को ध्वस्त करने पहुंचे थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब देते हुए एक ट्वीट किया और कहा कि लद्धाख के गलवान घाटी में एलएसी पर हमारे जवान निहत्थे नहीं थे बल्कि हमारे जवानों ने हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने के संधि का पालन किया।
भारतीय सेना की तरफ से साफ कर दिया है कि 15 जून की रात को चीनी सैनिकों के सात गलवान घाटी में हुई झड़प में कोई भी भारतीय सैनिक गुम नहीं हुआ है
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एलएसी पर शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को दी श्रद्धांजली देते हुए परमात्मा से सभी वीर शहीदों को अपने निज धाम में निवास देने की प्रार्थना की।
भारत-चीन सीमा पर गवालन घाटी में हिंसक झड़प के मामले पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला। राहुल गांधी ने सवाल किया कि लद्दाख में जवानों की शहादत का जिम्मेदार कौन है। इसके ठीक बाद बीजेपी ने राहुल पर पलटवार किया।
गलवान घाटी में भारत और चीन की हिंसक झड़प के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में भगवान राम चीनी ड्रैगन पर धुनष चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बुधवार देर रात इस बारे में देर रात कहा कि चीन का 'बढ़ा-चढ़ाकर किया गया' दावा दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति से उलट है।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई।
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प पर अपने पहले बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह माकूल जवाब देने में सक्षम है।
पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बीस भारतीय सैन्य कर्मियों के शहीद होने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने “चीनी सरकार और उसकी सेना के आक्रामक और हिंसक कार्य” की बुधवार को कड़ी निंदा की।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में ऊंचाई वाले इलाके में एक संकीर्ण पहाड़ी रास्ते पर चीनी सेना द्वारा निगरानी चौकी स्थापित किए जाने की वजह से भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुयी।
गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन की पीएलए की बीच हुए हिंसक संघर्ष की घटना के बाद लद्दाख के ताजा हालात को लेकर पीएम के घर देर शाम हाईलेवल मीटिंग हुई।
इंडिया TV को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक़ लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन की पीएलए के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद कल एक बार फिर से मेजर जनरल रैंक के अफसरों की बातचीत होगी।
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में ऊंचाई वाले इलाके में एक संकीर्ण पहाड़ी रास्ते पर चीनी सेना द्वारा निगरानी चौकी स्थापित किए जाने की वजह से भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुयी।
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