भारत के साथ एलएसी पर तनाव बढ़ाने के लिए अमेरिका ने चीन को बेहद सख्त चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा है की चीन ने भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है और अगर उसका यही रुख रहा तो हमें उसके बारे में दूसरी तरह से सोचना होगा।
चीन की सेना के कड़े विरोध के बावजूद भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान नदी पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक पुल का निर्माण पूरा कर लिया है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे पास ये Capability है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आँख उठाकर भी नहीं देख सकता।
भारत ने चीनी हमले पर अपना कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराया है। भारतीय पक्ष ने साफ कर दिया है कि पीएलए को हर हाल में अप्रैल वाली पोजिशन पर वापस जाना होगा, इसके बाद ही हालात सामान्य हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आज चीन और नेपाल भारत की ओर टेढ़ी नजरों से देख रहे है इसलिए अब समय आ गया है, जब प्रधानमंत्री को अपना 56 इंच का सीना दुश्मनों को दिखाना होगा।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन द्वारा जबरन रोके गए 10 भारतीय जवानों को चीनी सेना ने गुरुवार को छोड़ दिया है। इसमें सेना के 4 अधिकारी भी शामिल हैं।
राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार और प्रत्येक सशस्त्र बल के एक शीर्ष अधिकारी होंगे। अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीनी नेताओं से मुलाकात न करके भारत चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर गंभीर पर आरोप लगाए हैं। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि यह बात साफ हो चुकी है कि चीन गलवान घटना से पहले पूरी तरह तैयार था।
लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को नहीं बुलाए जाने पर राजद के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है।
एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के संदर्भ में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने के इरादे से झड़प शुरू की।
सीमा क्षेत्र में तनाव के बीच भारतीय हमलावर हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख-लेह क्षेत्र में पेट्रोलिंग की।
सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन अपने प्रवाह को बाधित करने के लिए सीमा पर गैलवान नदी पर एक बांध बना रहा है। हालाँकि इसने इससे संबंधित प्रश्नों का जवाब नहीं दिया।
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों की खूनी मुठभेड़ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
हवाई में हुई पोम्पिओ-यांग वार्ता में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प का मुद्दा उठा या नहीं इस साथ संबंध में विदेश मंत्रालय ने कोई जानकारी नहीं दी।
सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन अपने प्रवाह को बाधित करने के लिए सीमा पर गैलवान नदी पर एक बांध बना रहा है। हालाँकि इसने इससे संबंधित प्रश्नों का जवाब नहीं दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चर्चा करने के लिए आज सर्वदलीय डिजिटल बैठक बुलाई है। यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब विपक्षी दल लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जिस वक्त चीनी फौज ने हमारे सैनिकों पर धोखे से हमला किया उस वक्त हमारे सैनिक निहत्थे थे।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद देश में चीनी निर्मित उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान का सिलसिला जोर पकड़ता जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना में जख्मी हुए भारत के सभी जवान की हालत में सुधार है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को पूछा कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने जब भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया तो 'चीनियों पर गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गयी ।
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