भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘गगनयान’ परियोजना के लिए मानव केंद्रित प्रणालियां विकसित करने के लिहाज से सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने गगनयान अभियान के तहत तीन भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। रूस और फ्रांस भी भारत के इस महत्वाकांक्षी अभियान में मदद करेगें।
भारत के स्पेस मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के सिलेक्शन का पहला चरण पूरा कर लिया गया है।
अंतरिक्ष उत्साहियों के लिए चंद्रमा पर मानव मिशन भेजना हमेशा एक बड़ा सपना रहा है, और इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों स्पेस एक्स के सीईओ रलोन मस्क, ब्लू ऑरिजिन के सीईओ जेफ बेजोस और वर्जिन गैलेक्टिस के संस्थापक सर रिचर्ड ब्रानसन के साथ ही नासा का लक्ष्य मनुष्य को गहरे अंतरिक्ष में भेजना है, जिसके लिए चंद्रमा आने वाले सालों में एक पड़ाव का काम करेगा।
अमेरिका इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के मिशन के लिए भारत के कार्यक्रम पर उसके साथ एक कार्यकारी समूह बनाने को इच्छुक है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को संकेत दिया कि देश के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ से जाने वाले अंतरिक्ष यात्री पायलट हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में गगनयान परियोजना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 2022 तक अमल में लाया जाएगा
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