मलयालम एक्ट्रेस लीना ने 17 जनवरी को ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर से शादी कर ली है। वह गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षण ले रहे चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। सोशल मीडिया पर प्रशांत नायर ने अपनी शादी का खुलासा किया है।
भारत के स्पेस मिशन गगनयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बड़ा खुलासा किया। पीएम मोदी आज ने उन चार अंतरिक्ष यात्रियों का परिचय करवाया जो गगनयान के जरिए अंतरिक्ष में जाएंगे। गगनयान मिशन के उन 4 अंतरिक्ष यात्रियों से मिलिए-
चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 की सफलता के बाद अब इसरो का पूरा ध्यान मिशन गगनयान पर है। इस मिशन के तहत ISOR अंतरिक्ष में इंसान भेजेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग को सफलता पूर्वक पूरा करते हुए इतिहास रच दिया है। श्रीहरिकोट स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे सुबह 10 बजे लॉन्च किया गया। इसने टेस्ट के सभी मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इसरो के गगनयान मिशन की टेस्ट लॉन्चिंग टल गई है। उड़ान भरने से ठीक पांच सेकेंड पहले यह फैसला लिया गया। इसरो चीफ एस सोमनाथ के मुताबिक तकनीकी खराबी के चलते लॉन्चिंग को टाल दिया गया है।
Gaganyaan Launch mission Live : गगनयान की लॉन्चिंग आज ही सुबह 10 बजे दोबारा हुई, तकनीकी खामी को तुरंत दूर कर लिया गया है। इसरो ने ये जानकारी दी है। बता दें कि इससे पहले लॉन्चिंग से ठीक पहले कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी।
टेस्टिंग के दौरान क्रू मॉड्यूल की उड़ान, उसे वापस उतारने और समुद्र से रिकवर करने की प्रक्रियाएं शामिल होंगी। मॉड्यूल को वापसी में बंगाल की खाड़ी में उतारा जाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के गगनयान मिशन की प्रगति का आकलन करने के लिए एक मीटिंग बुलाई। इस बैठक में भारत के स्पेस एक्प्लोरेशन प्रयासों के भविष्य की रुपरेखा की तैयारी को लेकर भी बातचीत हुई।
इसरोअपने मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के हिस्से के रूप में क्रू एस्केप सिस्टम को प्रदर्शित करने के लिए पहले उड़ान परीक्षण वाहन एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) की तैयारी कर रहा है।
आने वाले समय में इसरो चंद्रयान से भी बड़े मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है। इसमें गगनयान से लेकर सूर्य मिशन तक शामिल हैं।
इस बार का भारत का गगनयान मिशन अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने को आतुर है। धरती से लेकर आसमान तक लगातार भारत की धमक बढ़ती जा रही है। इससे दुश्मन चीन ही नहीं, बल्कि तरक्की के ऐसे तजुर्बे को देखकर अमेरिका भी हैरान है। दरअसल भारत ने अबकी बार के गगनयान मिशन को सतत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से जोड़ दिया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को कहा कि मानव को चंद्रमा पर भेजने के उसके ‘गगनयान कार्यक्रम’ के हिस्से के तौर पर पहले मानवरहित अभियान की दिसंबर में शुरुआत नहीं हो सकेगी।
Gaganyaan Mission: गगनयान परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजने की क्षमता दिखाना है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा। इससे पहले इसरो ने पिछले महीने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन को चिह्नित किया गया है।
भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान गगनयान के लिए चुने गए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों ने रूस में फिर से प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है।
भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए 12 संभावित यात्रियों को चुना गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने गगनयान अभियान के तहत तीन भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। रूस और फ्रांस भी भारत के इस महत्वाकांक्षी अभियान में मदद करेगें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में गगनयान परियोजना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 2022 तक अमल में लाया जाएगा
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