द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बम से हुई त्रासदी की यादें उस वक्त ताजा हो गईं, जब राष्ट्रपति जो बाइडेन हमले की दर पर पहुंचे।
जी-7 में शामिल होने आए देशों के साथ भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग के आधार को और मजबूत करने में जुटा है। वियतनाम के बाद पीएम मोदी ने दक्षिण कोरिया के साथ भी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए वार्ता की।
जापान में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिंदुस्तान का जलवा पूरी दुनिया देख रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर विश्व के अन्य ताकतवर नेता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कायल नजर आ रहे हैं। जी-7 की बैठक के दौरान उस वक्त चीन को चक्कर आ गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पीएम मोदी को ढूंढ़ते हुए उनके पास आए।
परमाणु हथियारों को बनाने की होड़ में दुनिया भर को खतरे में डालने वाले चीन और उत्तर कोरिया को जी-7 के मंच से दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्रों के नेताओं ने कड़ी चेतावनी दी है। चीन और उत्तर कोरिया को विश्व नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के शनिवार को हिरोशिमा पहुंचने से पहले यह चेतावनी दी है।
G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा के मंच से दुनिया को बड़ा संदेश दिया है। भारत ने वियतनाम से इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रमुख रक्षा साझीदारों के तौर पर वर्णित किया है। बता दें कि वियतनाम ब्राजील और भारत जैसे ताकतवर देशों की तरह उभरता हुआ देश है।
जापान के हिरोशिमा में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में बतौर आमंत्रित सदस्य हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंच गए हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी किया। साथ ही जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।
दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (ज-7) की बैठक में यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस को दंडित करने के नए तरीके खोजने पर चर्चा की योजना बनाई है। विश्व के सभी नेता जी-7 में रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान में आयोजित हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रवाना हो चुके हैं। इस दौरान उनका आस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी जाने का भी कार्यक्रम है। रवानगी से पहले पीए मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जापान में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में उनकी उपस्थिति विशेष मायने रखती है।
इस दौरान प्रधानमंत्री के 40 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की संभावना है। पीएम मोदी शिखर सम्मेलनों में विश्व के दो दर्जन से अधिक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की पूरी दुनिया कायल होती जा रही है। वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद से जिस तरह पीएम मोदी ने भारत को तरक्की के पहिए पर दौड़ाया है, उससे दूसरे देश भी प्रभावित हैं और हिंदुस्तान से बहुत कुछ सीखना चाहते हैं।
जापान में चल रहे जी-7 सम्मेलन के दौरान क्वाडीलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) की चारों महाशक्तियां एक जुट होने वाली हैं। बता दें कि क्वाड भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान का शक्तिशाली संगठन है, जिसकी तुलना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे ताकतवर संगठन से की जाती है। चीन को इस संगठन का सदस्य नहीं बनाया गया है।
जापान में हुए G7 सम्मेलन में भाग लेने के बाद स्वदेश लौटे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा की पूरी दुनिया भारत की विकास गाथा से सीखना चाह रही है। जापान में 29 और 30 अप्रैल को हुए G7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुलंदियों पर पहुंचते भारत के विकास की चर्चा भी हुई।
जो बाइडेन 24 मई को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में 'इन-पर्सन क्वाड लीडर्स समिट' में हिस्सा लेंगे। यहां बाइडेन जापान के पीएम फुमियो किशिदा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज से मिलेंगे।
भारत ने जापान के सापोरो में जलवायु, ऊर्जा और पर्यावरण के मुद्दे पर जी-7 मंत्रियों की बैठक में रविवार को कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि पर्यावरणीय कार्रवाई के साथ मिलकर समग्र रूप से जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जाये। इस दौरान भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पीएम मोदी के मिशन से भी अवगत कराया।
अमेरिका ने पहली बार माना है कि वैश्विक कार्बन उत्सर्जन की कटौती में G-7 जैसे अमीर देशों की भूमिका अहम हो सकती है। अमेरिका की ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रेनहोम ने ‘ग्लोबल वार्मिंग’ को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता जताते हुए शुक्रवार को कहा कि अमीर राष्ट्र कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने में मिसाल कायम करें।
बेंगलुरु में चल रही जी-20 बैठक के दौरान रूस ने पश्चिमी देशों, अमेरिका और जी7 देशों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। रूस ने कहा कि हमें अफसोस है कि जी20 की गतिविधियां सामूहिक रूप से पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर की जा रही हैं और रूस विरोधी पूरी तरह से टकरावपूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 1 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इसके बावजूद पुतिन की सेना यूक्रेन पर विजय हासिल नहीं कर सकी है। राष्ट्रपति जेलेंस्की के नेतृत्व में यूक्रेनी सेना सोवियत संघ रूस से जमकर लोहा लेती आ रही है।
G-7 Countries: जी-7 देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि वह भारत की जी-20 अध्यक्षता का समर्थन करता है। भारत ने एक दिसंबर से औपचारिक तौर पर अध्यक्षता संभाली है।
India Diplomacy: भारत अब प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित होता नजर आ रहा है। इस साल भारत को दुनिया के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों की कमान मिलने जा रही है। साथ ही उसे दुनिया के सबसे धनी देशों के संगठन जी-7 में शामिल करने पर भी चर्चा चल रही है।
America News: व्हाइट हाउस ने आरोप लगाया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ऊर्जा को हथियार बना रहे हैं। पुतिन ने बुधवार को धमकी दी थी कि अगर अमेरिका रूसी निर्यात की कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश करेगा, तो वह पश्चिम को ऊर्जा आपूर्ति पूरी तरह बंद कर देंगे।
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