जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और यूरोप ने रूस के खिलाफ एक बड़ा फैसला किया है। इसके मुताबिक यूरोप के साथ अमेरिका अपने देशों में रूस की उन संपत्तियों को जब्त रखेगा, जब तक कि पुतिन यूक्रेन पर हमले की क्षतिपूर्ति नहीं देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 समिट में भाग लेने के लिए इटली रवाना हुए। इस शिखर सम्मेलन में भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली रवाना हो गए हैं। भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
इटली में जी 7 देशों की बैठक शुरू हो गई है। इसमें इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी को भी निमंत्रित किया है। आज पीएम मोदी इटली के लिए रवाना हो जाएंगे। इससे पहले ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और जॉर्जिया मेलोनी के बीच गर्मजोशी से मुलाकात हुई।
G7 शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून तक इटली के अपुलिया में आयोजित होने जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे। समिट में यूक्रेन-रूस जंग और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाए रहने की संभावना है।
मोदी एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 14 जून को होने वाले शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में भाग लेने के लिए गुरुवार को इटली पहुंचे। तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के शुरू होने के बाद पहली यात्रा इटली की करेंगे। जॉर्जिया मेलोनी ने उन्हें G-7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
नरेंद्र मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इसके बाद पीएम मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली रवाना होंगे। दरअसल यहां G7 की मीटिंग में भाग लेने के लिए पीएम मोदी इटली जाने वाले हैं। बात दें कि पीएम बनने के बाद यह उनकी पहली यात्रा होगी।
इजरायल पर बीते 14 अप्रैल को हमला करने वाले ईरान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। इजरायल-ईरान में युद्ध की आशंका बढ़ने के बाद जी-7 देशों ने अब ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। साथ ही जी-7 ने ईरान को इजरायल से टकराव से बचने की सलाह भी दी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की मौजूदा स्थिति को देखते हुए नाटो शिखर सम्मलेन के दौरान जी-7 देश यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा की घोषणा करने वाले हैं। इससे यूक्रेन को रूस से युद्ध लड़ने के लिए नाटो और यूरोपीय देश हथियार व अन्य मदद देते रहेंगे। इससे रूस की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।
कश्मीर शहर रोमांस और रोमांच से भरपूर है। 60-70 के दशक में इसकी वादियों में कई यादगार फिल्मों की शूटिंग हुई थी। इससे बेहतर कोई जगह नहीं, कहा-जी20 के शेरपा अमिताभ कांत ने-
पीएम मोदी ने जैसे ही पापुआ न्यू गिनी की धरती पर कदम रखा तो वहां स्वागत के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने पीएम नरेंद्र मोदी का पैर छू लिया। उनके पैर छूते ही पीएम मोदी भी हैरान रह गए।
पापुआ न्यू गिनी में आमतौर पर सूर्यास्त के बाद आने वाले नेताओं के लिए औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस प्रोटोकॉल को तोड़ दिया गया।
जापान के हिरोशिमा में जी-7 देशों के सम्मेलन के अंत में जो जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया गया, उससे चीन के सीने पर सांप लोट गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान में ब्रिटेन और ब्राजील के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करके भारत के संबंधों को मजबूत किया। प्रधानमंत्री ने ब्राजील के राष्ट्रपति इनासियो लूला डा सिल्वा और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ रविवार को उपयोगी और व्यापक वार्ता की।
जापान में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पूरी दुनिया को उम्मीद थी कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कुछ न कुछ बड़ी बात जरूर कहेंगे। यह उम्मीद इस लिए भी थी कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बातों को मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं।
पीएम मोदी को अगले महीने अमेरिकी दौरे पर जाना है, जिस दौरान बायडेन उन्हें डिनर पर बुलाएंगे। बायडेन ने पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान कहा कि ये डिनर उनके लिए सिरदर्द बन गया है।
जापान के जी-7 शिखर सम्मेलन में बतौर जी-20 अध्यक्ष शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए 10 सूत्री कार्ययोजना का अहम मंत्र दिया।
पीएम मोदी आज G-7 के आखिरी सेशन में हिस्सा लेंगे। इससे पहले आज तड़के पीएम मोदी हिरोशिमा शांति स्मारक पहुंचे और परमाणु हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन संकट का हल निकालने के लिए भारत हर संभव कोशिश करेगा। वहीं जेलेंस्की ने भी भारत को अपने शांति के फॉर्मूले के बारे में विस्तार से बताया।
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