अमेरिका के राष्ट्रपित जो बाइडेन ने जी-20 के मंच से इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर का ऐलान करके चीन को बड़ा सदमा दिया है। इससे चीन के बाजार और अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा। इस कोरिडोर के बनने के बाद भारत की आर्थिक स्थिति इन देशों में सीधा व्यापार संपर्क मार्ग मिलने से बेहद मजबूत हो जाएगी।
जी-20 का शिखर सम्मेलन भारत की राजधानी दिल्ली में चल रहा है। ये सम्मेलन कई मायनों में भारत के लिए काफी अहम है। सबसे खास बात है कि इस सम्मेलन में अतिथियों को मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे जाएंगे। जानिए मोटे अनाज से जुड़ी अहम बातें-
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार भारत आए हैं। अपने तीन दिवसीय यात्रा पर ऋषि सुनक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षी वार्ता होने का कार्यक्रम है।
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त घोषणा पत्र में आम सहमति बनाते हुए बतौर अध्यक्ष दुनिया को बड़ा संदेश देने वाला ऐलान किया है। नई दिल्ली की ओर से आम सहमति से जारी डिक्लेरेशन में रूस-यूक्रेन युद्ध और तीसरे विश्व युद्ध के खतरों के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और धमकी को अस्वीकार्य बताया गया है।
हम क्रिप्टो-परिसंपत्ति गतिविधियों और बाजारों और वैश्विक मुद्रा व्यवस्था के विनियमन और निगरानी के लिए वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) की उच्च-स्तरीय सिफारिशों का समर्थन करते हैं।
ब्रसेल्स में मौजूद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में हो रहे जी20 कार्यक्रम को लेकर बड़ा बयान दिया है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि मेहमानों से भारत की वास्तविकता को छिपाने की कोई जरूरत नहीं है।
अगर भारत को ग्लोबल लीडर बनना है, तो G-20 बड़ा ज़रिया हो सकता है क्योंकि दुनिया की GDP में 80 परसेंट भागीदारी G-20 में शामिल देशों की है, दुनिया का 75 परसेंट अन्तरराष्ट्रीय व्यापार G-20 देशों के बीच होता है. दुनिया की दो तिहाई आबादी G-20 देशों में रहती है और दुनिया का 60 परसेंट भौगोलिक क्षेत्र G-20 का देशों का है.
पीएम मोदी ने ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ जी-20 से इतर द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पीएम मोदी से गले मिले। इसके बाद गर्मजोशी से दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। फिर पीएम मोदी और फुमियो किशिदा की वार्ता।
जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। सम्मेलन के दौरान लीडर्स घोषणा-पत्र को मंजूरी मिल गई है। पीएम मोदी ने इसपर खुशी जताई है।
जी-20 सदस्य देशों से यूक्रेन युद्ध पर आम सहमति बनाने के लिए भारत ने अब नया पैराग्राफ जारी किया है। हालांकि इस पैराग्राफ के बिंदुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस पैराग्राफ पर रूस और चीन की भी सहमति मिलने की उम्मीद है। क्योंकि सभी देशों की सहमति के बिना संयुक्त घोषणापत्र जारी नहीं किया जाता।
सऊदी अरब के प्रिंस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद भी प्रिंस मो. बिन सलमान एक दिन अतिरिक्त भारत में ही रहेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा होगी।
अफ्रीकी यूनियन को जी20 में स्थायी सदस्यता मिल गई है। इस खुशी के मौके पर अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली असौमानी और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे को गले लगाया। यह तस्वीर लोगों को खूब पसंद आ रही है।
जी20 शिखर सम्मेलन के लिए सुरक्षा को देखते हुए देश की राजधानी दिल्ली को पूरी तरह सिक्योर कर दिया गया है। इसके बावजूद एक धमकी ने पुलिस के होश उड़ा दिए।
जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन युद्ध का समाधान अब तक नहीं खोजे जाने को लेकर बड़ी चिंता जाहिर की है। उन्होंने पूरी दुनिया के नेताओं का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते कहा कि युद्ध ने विश्वास की कमी को और गहरा कर दिया है, मगर अब हम सबको मिलकर इसे भरोसे में तब्दील करने का वक्त आ गया है।
दोनों नेताओं ने भारत में अपने रिसर्च और डेवलपमेंट का विस्तार करने के लिए लगभग 300 मिलियन डॉलर का निवेश करने के लिए माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी की घोषणा का उल्लेख किया।
जी20 समिट पर संजय राउत ने कहा कि दुनियाभर के नेता एक साथ आ रहे हैं, लेकिन आप विपक्ष के सबसे बड़े नेता को जगह नहीं देते, तो यह दुखद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब G20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री के सामने अंग्रेजी में लिखे BHARAT ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
जी-20 सम्मेलन का नई दिल्ली में आज से आगाज हो गया है। मगर इस दौरान यूक्रेन संकट पर आम सहमति बना पाना जी-20 नेताओं के लिए सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। चीन और रूस अन्य देशों के बयानों पर आम सहमति बनाने नहीं दे रहे। अब अध्यक्ष के नाते दुनिया भारत से घोषणापत्र के लिए आम सहमति की उम्मीद लगाए बैठी है।
भारत की राजधानी नई दिल्ली में जी20 शिखर वार्ता की शुरुआत हो चुकी है। 9-10 सितंबर को होने वाली शिखर वार्ता में दुनियाभर के नेताओं द्वारा कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
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