जी-20 समिट के तहत भारत ने टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की तीसरी मीटिंग का आयोजन जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में किया। भारत के इस दांव से चारों खाने चित होने के बाद पाकिस्तान ने पहले ही बैठक के खिलाफ माहौल बनाने का फैसला कर लिया था।
G20 Summit से पहले Srinagar में पाकिस्तानी साजिश का पर्दाफाश
पाकिस्तानी आका ने कहा कि बड़े कैंपों की रेकी की जाए। पुलवामा की तर्ज पर एक बार फिर से IED से हमला करने की तैयारी थी। इस बीच NH44 हाईवे पर चौकसी बढ़ायी गई है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी प्लान था कि 'हथियार लूटो और उसी से फ़ायर करो।'
पाकिस्तान के दोस्त चीन और तुर्की कश्मीर में होने वाली जी-20 की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला कर सकते हैं। इन देशों ने जम्मू कश्मीर में होने वाली जी-20 की बैठक में हिस्सा न लेने का निर्णय अपने दोस्त पाकिस्तान की कश्मीर में जी-20 बैठक कराने को लेकर आपत्ति के बाद लिया है।
G20 Summit Kashmir: श्रीनगर में आतंकियों ने अटैक की साज़िश रची
इस समिट को सफल बनाने की तैयारियों में कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्र और प्रोफेसर सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस बाबत जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि मैं दुनियाभर से आए विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करता हूं, जिन्होंने Y20 परामर्श की शोभा बढ़ाई है।
G-20 में पूरी दुनिया भारत की ताकत देख रही है। जी-20 की अध्यक्षता 1 वर्ष तक भारत के पास ही रहेगी। इस दौरान भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे लेह-लद्दाख क्षेत्र में वाई-20 का सफल आयोजन कराकर चीन के मुंह पर तमाचा मारा है। भारत ने वाई-20 सम्मेलन में 30 देशों के प्रतिनिधियों के साथ सफल आयोजन किया।
G-20 में दुनिया भारत के डिजिटल स्वास्थ्य की मुरीद हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत का डिजिटल स्वास्थ्य दूसरे देशों के लिए मॉडल बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत जब जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है तो डिजिटल स्वास्थ्य पर उसका ध्यान देना दूसरे देशों के लिए मॉडल हो सकता है
भारत ने सितंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को आमंत्रित किए जाने के सवाल पर कहा कि जिन्हें आमंत्रित करना था, उनकी सूची पहले ही जारी कर दी गई है। आपको बता दें कि अभी तक आमंत्रित देशों की सूची में यूक्रेन का नाम नहीं है।
मुख्य सचिव अरुण कुमार के मुताबिक, सभी इंतजाम किए जा रहे हैं और जी 20 बैठक से जुड़ी सभी लंबित परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय डेलीगेट्स के प्रस्तावित मार्गों जिसमें, लालबहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट, शिवपुर मार्ग, चौकाघाट से पड़ाव और नामोघाट समेत अन्य जगहों पर 30 डबल साइड बैकलिट एलईडी यूनिपोल लगाए जा रहे हैं।
सरकार ने इन बैठकों के लिए तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है और पिंजौर के यादविंद्रा गार्डन को इस मौके पर दुल्हन की तरह सजाया गया है।
इससे पहले 23 फरवरी को स्वयंभू सिख उपदेशक एवं खालिस्तान से सहानुभूति रखने वाले अमृतपाल सिंह एवं उसके समर्थक अपने एक साथी की रिहाई के लिए अमृतसर के अजनाला में पुलिसकर्मियों के साथ उलझ गये थे। इन प्रदर्शनकारियों के हाथों में तलवारें एवं बंदूक भी थीं।
जी-20 में रूस और यूक्रेन युद्ध का मुद्दा चर्चा का अहम बिंदु बनता जा रहा है। इसके अलावा भी दुनिया भर में सिर्फ यूक्रेन युद्ध की ही हर तरफ चर्चा है। भारत दौरे पर आई इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी ने रूस के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही अमेरिका और रूस में तनाव का आलम चरम पर है। यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों देश एक दूसरे को लंबे समय से धमकी और चेतावनी देते रहे हैं। इस बीच भारत में हो रहे जी 20 सम्मेलन में पहली बार रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों का आमना-सामना हुआ।
जी 20 की अध्यक्षता कर रहे भारत से दुनिया को काफी सारी उम्मीदें हैं। विश्व की निगाहें जी 20 से यूक्रेन युद्ध से लेकर दुनिया में फैले खाद्य और ऊर्जा संकट के समाधान पर भी टिक गई हैं।
जी-20 सम्मेलन में भारत-चीन के बीच बनी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मौजूदा हालत का मुद्दा गर्माया रहा। भारत ने चीन के विदेश मंत्री किन कांग से सीमा के हालात और उसकी वजहों को लेकर न सिर्फ बात की, बल्कि कड़ी आपत्तियां भी दर्ज करवाई।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक, फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना और चीनी विदेशी मंत्री किन गांग दिल्ली के एक आलीशान होटल में शाम लगभग सात बजे शुरू हुए रात्रिभोज से पहले राष्ट्रीय राजधानी नहीं पहुंच सके।
हरियाणा के गुरुग्राम में G20 मेहमानों के स्वागत के लिए सड़क किनारे फूल के गमले सजाकर रखे गए थे, लेकिन कथित तौर पर मनमोहन उन गमलों को अपनी लग्जरी SUV किया कार्निवल में लादकर चलते बने।
जून 2020 में गलवान घाटी हिंसा और फिर नवंबर 2022 में तवांग में भारतीय सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद चीन के विदेश मंत्री अपनी पहली यात्रा पर भारत आ रहे हैं। विदेश मंत्री किन गांग इस सप्ताह भारत की पहुंचेंगे। इसके बाद वह 2 मार्च को जी-20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा भी लेंगे।
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