जी-20 में रूस और यूक्रेन युद्ध का मुद्दा चर्चा का अहम बिंदु बनता जा रहा है। इसके अलावा भी दुनिया भर में सिर्फ यूक्रेन युद्ध की ही हर तरफ चर्चा है। भारत दौरे पर आई इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी ने रूस के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही अमेरिका और रूस में तनाव का आलम चरम पर है। यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों देश एक दूसरे को लंबे समय से धमकी और चेतावनी देते रहे हैं। इस बीच भारत में हो रहे जी 20 सम्मेलन में पहली बार रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों का आमना-सामना हुआ।
जी 20 की अध्यक्षता कर रहे भारत से दुनिया को काफी सारी उम्मीदें हैं। विश्व की निगाहें जी 20 से यूक्रेन युद्ध से लेकर दुनिया में फैले खाद्य और ऊर्जा संकट के समाधान पर भी टिक गई हैं।
जी-20 सम्मेलन में भारत-चीन के बीच बनी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मौजूदा हालत का मुद्दा गर्माया रहा। भारत ने चीन के विदेश मंत्री किन कांग से सीमा के हालात और उसकी वजहों को लेकर न सिर्फ बात की, बल्कि कड़ी आपत्तियां भी दर्ज करवाई।
जून 2020 में गलवान घाटी हिंसा और फिर नवंबर 2022 में तवांग में भारतीय सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद चीन के विदेश मंत्री अपनी पहली यात्रा पर भारत आ रहे हैं। विदेश मंत्री किन गांग इस सप्ताह भारत की पहुंचेंगे। इसके बाद वह 2 मार्च को जी-20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा भी लेंगे।
बेंगलुरु में चल रही जी-20 बैठक के दौरान रूस ने पश्चिमी देशों, अमेरिका और जी7 देशों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। रूस ने कहा कि हमें अफसोस है कि जी20 की गतिविधियां सामूहिक रूप से पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर की जा रही हैं और रूस विरोधी पूरी तरह से टकरावपूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि जी-20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में जिस समाधान की ओर देख रहा है, उसमें भारत के पास ‘‘15 प्रतिशत समाधान’’ है। वह यहां सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘फेस्टिवल ऑफ थिंकर्स’ को संबोधित कर रहे थे।
भारत में जी-20 की बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है। देश में वर्ष भर में करीब 200 बैठकों होनी हैं। आगामी 24 फरवरी को होने वाली जी-20 की सबसे महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने वित्त मंत्री सीतारमण बेंगलुरु के लिए रवाना हो गई हैं।
भारत की अध्यक्षता में जी-20 देशों की बैठक का आरंभ आज बृहस्पतिवार से बेंगलुरु से कर दिया गया है। जी-20 समूह की भारत की अध्यक्षता के तहत पर्यावरण एवं जलवायु स्थिरता कार्य समूह की पहली बैठक में खनन और वन में आग लगने से प्रभावित इलाकों के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित किए जाने का निर्णय लिया गया।
जलवायु परिवर्तन से पैदा हुए पर्यावरण के खतरे के मद्देनजर जी-20 सम्मेलन में भूमि संरक्षण और संसाधनों का प्रभावी इस्तेमाल भारत के लिए दो अहम मुद्दे होंगे। भूमि क्षरण, जैव विविधता की हानि, समुद्री प्रदूषण, मैंग्रोव व कोरल रीफ का संरक्षण, संसाधानों का अति उपयोग और कूड़े के निस्तारण में खामी वे अहम पर्यावरण चिंताएं हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया में बढ़ती भारत की ताहत का एहसास कराते हुए कहा कि अब हर बड़े अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत अपनी बात डंके की चोट पर कहता है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है। इसलिए ऐसी हर बात से हमें दूर रहना है जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है।
2023 का साल भारत के लिए और PM Modi दोनों के लिए बहुत खास होने वाला है। India, दुनिया के 20 बड़े और ताकतवर मुल्कों का मेज़बान बनने वाला है। 23 के जनवरी महीने से ही पूरी दुनिया की नज़र Narendra Modi पर टिकी होंगी। दिसंबर का आखिरी हफ्ता भी बड़े हलचल वाला है।
G-20 Summit in India: भारत को G-20 सम्मेलन की अध्यक्षता ऐसे वक्त में मिली है, जब पूरी दुनिया खुद को दिशाहीन महसूस कर रही है और वह भारत की ओर देख रही है। बात चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध की हो, दुनिया पर मंडराते परमाणु युद्ध के खतरे की हो, खाद्य और ऊर्जा संकट की हो,वैश्विक आतंकवाद की हो, ग्लोबल वार्मिंग और कार्बन उत्सर्जन की।
G-20 Presidency Of India: भारत ने जी-20 की बैठकों को लेकर तैयारियां जोरशोर से शुरू कर दी हैं। इस दिशा में पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक करके सभी पार्टियों का सहयोग मांगा है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी पार्टियों से कहा कि यह भारत के साख का सवाल है। दुनिया के सामने भारत की क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए जी-20 सुनहरा अवसर है।
G20 India Presidency: पिछले 24 घंटे में दो बार ऐसा मौका आया जब PM Modi की तरफ से बड़ी पहल की गई। देश की सभी पॉलिटिकल पार्टी के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया गया। जिसमें सारे कट्टर विरोधी मौजूद थे। Kejriwal भी थे, Mamata Baneerjee भी थीं, लेफ्ट पार्टी के सारे नेता भी थे।
Indoia G-20 Summit & Modi-Biden Friendship: भारत ने 1 दिसंबर से G-20 देशों की अध्यक्षता संभाल ली है। इस दौरान भारत अमेरिका समेत दुनिया के 20 देशों का नेतृत्व करेगा। भारत के पास अध्यक्ष होने के नाते आतंकवाद से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दुनिया के देशों का ध्यान आकर्षित कराने का मौका भी होगा।
India G-20 Presidency: उन्होंने कहा कि जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत वर्ष के लिए एजेंडा निर्धारित करेगा, विषयों और ध्यान देने योग्य क्षेत्रों की पहचान करेगा, चर्चाएं आयोजित करेगा और परिणामों का दस्तावेजीकरण करेगा।
US India G-20 Presidency: भारत अगले साल जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाला है। इसे लेकर अमेरिका ने कहा है कि वह उत्साहित है। उसने कहा है कि वह मौजूदा खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों समेत कई मुद्दे उठाएगा।
G-20 Group Meeting: इस बार भारत जी-20 समूह की अपनी अध्यक्षता में अगले साल नौ और 10 सितंबर को वार्षिक शिखर सम्मेलन समेत इस प्रभावशाली समूह की संभवत: 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा।
विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि समूह का आगामी शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।
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