इंडोनेशिया के बाली में जी 20 समिट का अयोजन किया जा रहा है। इस समिट में हिस्सा लेने आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने निजी मुलाकात की। इस दौरान परमाणु जंग पर दोनों ने बड़ा बयान दिया है। दोनों देशों ने यह भी कहा है कि परमाणु हथियार से कभी भी युद्ध नहीं जीता जा सकता है।
पीएम नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया में होने वाली जी20 समिट में हिस्सा लेंगे। यह समिट 15 से 16 नवंबर तक बाली में आयोजित की जाएगी। इस दौरान पीएम मोदी विभिन्न देशो के राष्ट्राध्यक्षों के साथ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। वे कई देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इंडोनेशिया के बाली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने पहले ही कह दिया था कि वह अपनी शर्तों पर पुतिन से मिलेंगे। इस शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग भी पहुंच रहे हैं।
भारत 1 दिसंबर से इंडोनेशिया से G-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। G20 ऐसे देशों का समूह है, जिनका आर्थिक सामर्थ्य, विश्व की 85% जीडीपी का प्रतिनिधित्व करता है।
G-20 Summit in India: भारत एक दिसंबर से 2022 से 30 नवंबर 2023 तक के लिए जी-20 देशों की अध्यक्षता करने जा रहा है। इस दौरान भारत अपने देश में 55 स्थानों पर जी-20 की 200 से अधिक बैठकों की मेहमानी भी करेगा।
G-20 Group Meeting: इस बार भारत जी-20 समूह की अपनी अध्यक्षता में अगले साल नौ और 10 सितंबर को वार्षिक शिखर सम्मेलन समेत इस प्रभावशाली समूह की संभवत: 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा।
G-20 in Bali: G-20 देशों की बैठक में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के प्रमुखों ने उन अन्य वैश्विक चुनौतियों पर सहमति व्यक्त की, जो युद्ध के कारण और खराब हुई हैं। इन चुनौतियों में दशकों की उच्च मुद्रास्फीति और खाद्य असुरक्षा शामिल है, जो इस युद्ध से और भयानक हो गई है।
Russia-Ukraine War: इंडोनेशिया के बाली में चल रहे G-20 देशों की बैठक में दुनिया के शीर्ष देशों ने रूस-यूक्रेन के वैश्विक प्रभावों पर चिंता जताई। इस युद्ध से पैदा हुए खाद्य सामग्री और ऊर्जा संकट से निपटने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर विश्व के अन्य नेताओं के साथ यहां प्रसिद्ध ट्रेवी फाउंटेन का दौरा किया। यह फव्वारा इटली के सबसे अधिक देखे जाने वाले स्मारकों में से एक है और पर्यटकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है।
इस समझौते में कहा गया है कि यदि किसी अन्य देश में कंपनी के मुनाफे पर कम कर लगाया जाता है, तो जिन देश में उन कंपनी के मुख्यालय हैं वे कंपनी के कर को 15 प्रतिशत तक बढ़ा देंगे।
पीएमओ ने ट्वीट में लिखा, ‘‘रोम में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक नेताओं से बातचीत की।’’ तस्वीरों में मोदी को बाइडन के साथ घूमते हुए देखा जा सकता है जिसमें लग रहा है कि वे हल्की-फुल्की बातचीत कर रहे हैं। दोनों नेता प्रसन्न मुद्रा में देखे जा सकते हैं।
नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वेटिकन पहुंचकर पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कोविड, सामान्य वैश्विक परिदृश्य और शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने समेत विभिन्न मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी और कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस के बीच यह पहली बैठक थी।
प्रधानमंत्री मोदी कोविड-19 महामारी फैलने के बाद वह पहली बार किसी शिखर सम्मेलन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। पीएम मोदी रोम में पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात करेंगे।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 29 अक्टूबर से 2 नवंबर की यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी जी-20 के 16वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। साथ ही पीएम मोदी जलवायु परिवर्तन पर होने वाले 26वें शिखर सम्मेलन COP-26 में भी वह हिस्सा लेंगे।
PM मोदी आज G-20 के शिखर सम्मलेन को संबोधित करने वाले हैं। इस सम्मलेन में दुनिया के 20 ताकतवर देश तालिबान मुद्दे पर चर्चा करेंगे। क्या तालिबान मसले का हल भारत ही निकालेगा?
उन्होंने बैठक के सत्र ‘स्थिरता के पीछे एक प्रेरक शक्ति के रूप में अनुसंधान’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में कृषि अनुसंधान ने देश को खाद्यान्न आयातक से, निर्यातक के रूप में बदलने में प्रमुख भूमिका निभाई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में कहा हमारा ध्यान महामारी से नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने पर, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में कहा हमारा ध्यान महामारी से नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने पर, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है।
विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि समूह का आगामी शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।
महामारी न होती तो सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन को नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ मंच साझा करने का मौका मिलता।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़