रूस ने अपने दोस्त भारत की जमकर प्रशंसा की है। दुनिया के बड़े मंचों पर भारत का कद तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में रूस ने भारत की प्रशंसा की। साथ ही कहा कि जी20 सम्मेलन के नतीजे भारत की अध्यक्षता में बेहतर रहे।
पीएम मोदी ने जी-20 के डिजिटल शिखर सम्मेलन में एक बार फिर विश्व नेताओं को संबोधित किया। इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी शामिल हुए। मगर चीनी राष्ट्रपति ने फिर परहेज किया। रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल हमास युद्ध का समाधान खोजने के लिए सभी जी-20 देश चिंतित दिखे। इसके बाद मानवीयता को देख कई फैसला लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वर्चुअल जी20 लीडर्स समिट' के शुरुआती सेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, वैश्विक विकास और भारत के प्रयासों और ग्लोबल साउथ के मुद्दों को रेखांकित किया।
जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत ‘ग्लोबल साउथ’ या विकासशील देशों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से समावेशी विकास, डिजिटल नवाचार, जलवायु लचीलापन और समान वैश्विक स्वास्थ्य पहुंच जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी20 के नए सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
भारत के नेतृत्व में जी20 का सफल कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया गया। इसके बाद पी20 के आयोजन पर जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि इससे पहले इतना अच्छा पी20 का आयोजन पहले कभी नहीं किया गया था।
पी-20 सम्मेलन दो दिनों तक चलेगा। इस वैश्विक आयोजन में सदस्य देशों की संसदों के 25 अध्यक्ष, 10 उपाध्यक्ष और 50 सदस्य भाग लेंगे। अफ्रीकी संसद के प्रतिनिधि भी पहली बार भारत में पी-20 आयोजन में भाग लेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें कुछ ऐसे अहम फैसले लिए गए जो पूरी 21 वी सदी के डायरेक्शन को चेंज करने की क्षमता रखते हैं। पीएम मोदी G-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट समापन समारोह में बोल रहे थे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा न्यूयॉर्क में कहा कि भारत ने ऐसे वक्त में जी-20 की अध्यक्षता संभाली जब East-West का ध्रुवीकरण और North-South का विभाजन तेज है। ऐसे वक्त में G-20 की अध्यक्षता चुनौतीपूर्ण थी। मगर भारत ने कर दिखाया। भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बनने में कामयाब रहा।
जी20 सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भारत मंडपम पहुंचे थे। यहां उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में योगदान देने वाले कर्मचारियों से संवाद किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जहां हम कभी दिखते नहीं थे, हमारा नाम तक नहीं होता था, इतने कम समय में हमने वो स्थिति प्राप्त की है कि हमारा नाम बेहद ही गर्व और उत्साह से लिया जाता है। हमने दुनियाभर में अपने भारत की तस्वीर को बदल दिया है।
भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव चरम पर पहुंच गया है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के उलटे-सीधे कदमों ने दोनों देशों के रिश्तों पर बुरा असल डाल दिया है। अब जी20 सम्मेलन के दौरान ट्रूडो द्वारा किए गए एक अन्य हैरानी वाले काम का खुलासा हुआ है।
भारत, मध्य पूर्व और यूरोप को जोड़ने वाले एक इकोनॉमिक कॉरीडर तथा जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल किए जाने का उल्लेख बाइडेन ने किया और इसे जी-20 शिखर सम्मेलन की बड़ी उपलब्धि बताया।
भारत और अमेरिका के संबंध बीते कुछ समय से काफी बेहतरीन हो गए हैं। हाल ही में भारत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पीएम मोदी के साथ बैठक की थी।
PM Modi Visit BJP HeadQuater: G-20 समिट के सफल आयोजन पर पीएम मोदी का जबरदस्त स्वागत.. बीजेपी हेडक्वार्टर में कार्यकर्ताओं ने अभिनंदन किया,, गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिहं और जेपी नड्डा ने फूल देकर किया पीएम का स्वागत...
जी20 सम्मेलन के सफल आयोजन की चर्चा हर ओर हो रही है। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने भी मेहनत की थी। अब पीएम मोदी इन्हें थैंक्स कहने के लिए एक स्पेशल गिफ्ट देने वाले हैं।
भारत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन को अब तक का सबसे सफल और भव्य सम्मेलन बताया जा रहा है। हालांकि, चीनी डेलिगेशन की ओर से की गई एक हरकत ने सभी को हैरान कर दिया है।
2 दिन तक चले G20 समिट का आयोजन खत्म हो गया है। इस समिट में आए सभी विदेशी मेहमानों को स्पेशल गिफ्ट देकर भारत सरकार ने उनके देश रवाना कर दिया है। आइए जानते हैं कि भारत सरकार ने कौन-कौन से गिफ्ट विदेशी नेताओं को दिए हैं....
जी20 समिट हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न हुई। इसमें भारत साझा घोषणापत्र सर्वसम्मति से पारित कर भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। अमेरिका ने भी जी20 समिट पर भारत की सफलता पर तारीफ की है। जानिए अमेरिका ने तारीफ में और क्या क्या कहा?
जी20 सम्मेलन में आए मेहमानों की सुरक्षा के मद्देनजर बनाए गए कोडवर्ड्स को गृह मंत्रालय की देखरेख में तैयार किया गया था। इन कोड्स की जानकारी केवल विषेश अधिकारियों को ही दी गई थी।
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