आज के दिन को देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर आज हम आपको मौलिक अधिकार और मौलिक कर्त्तव्य के बारे में बताएंगे जो हमें संविधान से मिले हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, कोर्ट ने कहा है कि भ्रूण को भी जीने का मौलिक अधिकार है इसीलिए 27 सप्ताह के गर्भ को खत्म नहीं किया जा सकता है।
भारत के संविधान में मौलिक कर्तव्यों को स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों द्वारा 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 में जोड़ा गया था। मौलिक कर्तव्यों को शामिल करने का उद्देश्य नागरिकों के गिल में देश-हित की भावना को जागृत करना है।
संविधान में कई ऐसे अधिकार जोड़े गए हैं जिनके बारे में जानने की जरूरत है। देश के हर नागरिक को इन अधिकारों के बारे में जानना चाहिए और नियम के दायरे में उस पर अमल भी करना चाहिए।
Supreme Court: न्यायालय ने कहा कि कोई व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता कि उसे चुनाव लड़ने का अधिकार है।
अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी से बहुत पहले ‘डिजिटल इंडिया’ का आह्वान किया। और यही कारण है कि महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से हम सफलतापूर्वक निपट सके।
गणतंत्र दिवस पर आपको भारतीयों के उन अधिकारों के बारे में बताते हैं जिनके बारे में पता होना जरुरी है।
"नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं और सरकारी संस्थाओं से उम्मीद की जाती है कि वे इनका अतिक्रमण न करें। लेकिन जब वे इनका अतिक्रमण करते हैं, या उनके द्वारा अतिक्रमण करने की आशंका होती है, तो न्यायपालिका का नैतिक दायित्व हो जाता है कि वह नागरिक
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया जिसने आधार से जुड़ी योजनाओं को लेकर असमंजस पैदा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है
Supreme Court Declares Right To Privacy As A Fundamental Right | 2017-08-24 11:20:58
इस फैसले का सोशल नेटवर्क व्हाट्सएप की नई निजता नीति पर भी असर पड़ेगा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 सितंबर, 2016 को दिए अपने आदेश में व्हाट्सएप को नई निजता नीति लागू करने की इजाजत दी थी, हालांकि अदालत ने व्हाट्सएप को 25 सितंबर, 2016 तक इकट्ठा किए गए अपन
बता दें कि मौलिक अधिकार यानी फंडामेंटल राइट्स संविधान से हर नागरिक को मिला बुनियादी अधिकार है। इन अधिकारों का हनन होने पर कोई भी शख्स हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। आधार कार्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं अदालत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देनदारी में चूक करने वाले को सरकार और प्राधिकारियों के खिलाफ अपने मूल अधिकारों को लागू कराने की मांग को छूट नहीं दी जा सकती।
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