बोलीविया में ईंधन की कमी की समस्या ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब देश का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है। इस कारण बोलीविया के लोगों को अमेरिकी डॉलर नहीं मिल पा रहे हैं। आयातित सामान जो कभी आम थे, अब दुर्लभ हो गए हैं।
नाइजीरिया में एक फ्यूल टैंकर में धमाका हो गया। इस धमाके में 140 लोगों की मौत हो गई है। इस घटना में 50 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
कार खरीदने के बाद फ्यूल का खर्च ज्यादातर कार ओनर के लिए एक चुनौती होती है। ईंधन पर खर्च को यहां कैलकुलेशन से समझा जा सकता है।
कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी किए जाने के बाद अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इसे लेकर कहा है कि पार्टी राज्य भर में 17 जून को प्रदर्शन करेगी। उन्होंने सरकार से तत्काल ये फैसला वापस लेने की मांग की है।
Lok Sabha Elections 2024: बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के हेलीकॉप्टर में रविवार को चुनाव प्रचार के दौरान ईंधन खत्म हो गया।
स्वच्छ ईंधन की तरफ कदम बढ़ना समय की मांग है। स्वच्छ समुद्री ईंधन के क्षेत्र में भी दुनिया के तमाम देश मिलकर काम कर रहे हैं। इसी को लेकर भारत का एक प्रतिनिधिमंडल सिंगपुर पहुंचा है।
क्या आपको कभी यह ख्याल आता है कि उड़ते विमान में ईंधन कैसे भरा जाता होगा? सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक हेलीकॉप्टर की मदद से एक विमान में फ्यूल भरा जा रहा है।
विश्व में पहली बार लंदन से न्यूयॉर्क तक एक फ्लाइट ने बिना तेल के उड़ान भरकर सबको हैरान कर दिया है। वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को साकार करते हुए वर्जिन नामक यह फ्लाइट बिना जीवाश्म ईंधन के संचालित होने वाली पहली वाणिज्यिक फ्लाइट है।
पेट्रोल के मुकाबले सीएनजी करीब 25 प्रतिशत ज्यादा माइलेज उपलब्ध कराती है। ऐसे में यह मार्जिन पैसे की बचत कराते हैं। इस बचत को कैलकुलेशन से आसानी से समझा जा सकता है।
इजरायली सेना की बमबारी से गाजा तबाह हो चुका है। यहां बचे हुए फिलिस्तीनी शरणार्थी दवा, भोजन और पानी के लिए तड़प रहे हैं। मगर समस्या ये है कि गाजा पट्टी में ईंधन भी खत्म हो चुका है। ऐसे में वहां संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता भी नहीं पहुंच पा रही है। इसे लेकर यूएन ने गहरी चिंता जाहिर की है।
हेलीकॉप्टर के बारे में आप इन चीजों के बारे में नहीं जानते होंगे। चलिए आज आपको ऐसी सभी जानकारियों से रुबरू करवाते हैं।
आपने भी बचपन में आसमान में उड़ते हुए फ्लाइट को देखने के लिए खूब भाग-दौड़ की होगी। लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल उठा कि हवाई जहाज की माइलेज कितनी होती है?
गाड़ियों में तेल की चोरी से बचने के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं। इसके बावजूद भी इस पर लगाम लगाना बहुत मुश्किल है। पुणे की एक कंपनी की ओर से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तैयार किया गया है। इसके जरिए तेल की चोरी का पता लगाना बहुत आसान है। यहां जानिए फ्यूल पिलफ्रेज मॉनिटरिंग सिस्टम कैसे काम करता है।
E20 Fuel Vehicles: भारत सरकार ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने बेंगलुरु में इसका उद्घाटन किया है। आइए जानते हैं कि E20 Vehicles क्या है और कैसे तैयार किया जाता है?
पेट्रोल पम्प के शातिक कर्मचारी बड़ी चालाकी से ग्राहकों को चूना लगाते हैं। तेल भरवाने आए ग्राहकों को पता ही नहीं चल पाता कि कब किसी ने उनकी जेब काट ली। डीजल-पेट्रोल भरवाने आए कर्मचारियों को 5 बातें हमेशा ध्यान रखनी चाहिए।
अगर आप घर पर फ्यूल प्रेशर टेस्ट करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक आसान तरीका बतलाएंगे जिससे आप आसानी से फ्यूल प्रेशर टेस्ट कर सकते हैं। फ्यूल पंप के परफॉर्मेंस की हमेशा जांच होनी चाहिए। इससे आप महंगे खर्च और अन्य समस्या से बच सकते हैं।
नॉर्मल पेट्रोल से पावर पेट्रोल अलग और महंगा होता है। महंगा इसलिए होता है क्योंकि उसकी क्वालिटी नॉर्मल पेट्रोल से अच्छी होती है। नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले पावर पेट्रोल हमारे पर्यावरण के लिए लाभदायक होता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
एक कंपनी ने गाय के गोबर से चलने वाला ट्रैक्टर बना लिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि गाय के गोबर से तैयार बायो मीथेन ईंधन से 270 बीएचपी का ट्रैक्टर भी आसानी से चलाया जा सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
सीएनजी न केवल पर्यावरण और आपकी कार के लिए अच्छा है बल्कि सुरक्षा के नजरिए से भी एक बेहतरीन फ्यूल है। आज हम आपको बताएंगे कि कीमत और सुरक्षा के लिहाज से ये कितना बढ़िया है और इंजन के लिए कितना अच्छा है।
IIT जोधपुर के मुताबिक ग्रीन और सस्टेनेबल ऊर्जा का एकमात्र भावी स्रोत हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा है। लेकिन चूंकि 90 प्रतिशत से अधिक हाइड्रोजन का स्रोत पेट्रोलियम फीडस्टॉक है, इसलिए यह महंगा पड़ता है और आम आदमी की पहुंच से बाहर है।
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