रिपोर्ट में कहा गया, हर कोई भारत के साथ एफटीए करना चाहता है। इसकी मुख्य वजह भारत का उच्च आयात शुल्क है, जिससे इन देशों के लिए भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मुश्किल हो जाती है।
भारत और ब्रिटेन के बीच निवेश पर एक अलग समझौते (द्विपक्षीय निवेश संधि) के तहत बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अब केवल कुछ ही मुद्दे बचे हैं। व्यापार एवं निवेश कार्यसमूह (टीआईडब्ल्यूजी) की बैठक (जयपुर में) के दौरान ब्रिटेन की टीम भारत आ रही है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम बाकी मुद्दों को पूरा कर लेंगे।
भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत की प्रक्रिया पूरी करने के बेहद करीब हैं। दोनों देश कुछ मुद्दों पर अपने मतभेदों को दूर करने में लगे हुए हैं।
यूरोपीय संघ की विदेश नीति मामलों की प्रमुख भारत आएंगी। यात्रा के दौरान भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू करने पर जोर दे सकती हैं।
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