भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर कई दौर की वार्ताएं होने के बाद भी किसी अंतिम नतीजे तक नहीं पहुंचा जा सका है। इस बीच ब्रिटेन की एक पूर्व मंत्री ने इस समझौते को लेकर अपनी ही पोल खोल दी है।
ट्रम्प ने 17 सितंबर को भारत को आयात शुल्क का ‘‘दुरुपयोग करने वाला’’ करार दिया था। यह दावा उनके अक्टूबर 2020 के बयान से मेल खाता है जिसमें उन्होंने भारत को ‘‘किंग ऑफ टैरिफ्स’’ करार दिया था।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) एक ऐसा कारोबारी समझौता है, जिसके तहत द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है। इसके लिए टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव या कमी लाई जाती है। यह दो या दो से अधिक देशों और समूहों के बीच हो सकता है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी की आगामी भारत यात्रा ने लंबे समय से लटके पड़े मुक्त व्यापार समझौते को लेकर नई उम्मीद जगा दी है। भारत और ब्रिटेन के बीच इस दौरे के दौरान एफटीए पर सहमति बनने की उम्मीद जताई जा रही है।
India maldives free trade agreement : मालदीव के साथ एफटीए की मांग को लेकर भारत का कथित प्रयास पिछले साल नवंबर से दोनों देशों के बीच चल रहे राजनयिक विवाद की पृष्ठभूमि में आया है।
Free trade agreement : भारत का आयात वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच करीब 37.97 प्रतिशत बढ़कर 187.92 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
ब्रिटेन सरकार की ओर से बताया गया कि भारत सरकार अधिकारियों की एक टीम एफटीए पर बातचीत करने के लिए लंदन भेजी गई है।
उन्होंने बताया कि चॉकलेट निर्माता बैरी कैलेबाउट ग्रुप 2024 तक भारत में अपनी तीसरी विनिर्माण इकाई चालू करने के लिए तैयार है। इसके साथ पिछले करीब पांच वर्षों में कंपनी का भारत में निवेश पांच करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगा।
India और EFTA के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। इस समझौते के तहत भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश होगा। वहीं, ईएफटीए देशों के लिए आयात शुल्क हटाया गया है।
समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ यानी ईएफटीए के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (EU) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है।
रिपोर्ट में कहा गया, हर कोई भारत के साथ एफटीए करना चाहता है। इसकी मुख्य वजह भारत का उच्च आयात शुल्क है, जिससे इन देशों के लिए भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मुश्किल हो जाती है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ‘व्यापार समझौते के लिए भारत-पेरू वार्ता का छठा दौर 12 से 14 फरवरी 2024 तक पेरू की राजधानी लीमा में हुई ताकि 2017 में शुरू की गई वार्ता पर प्रगति जारी रहे। 2017 में वार्ता प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा की गई थी।’
भारत और ओमान ने मुक्त व्यापार समझौता करके अपने व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। खाड़ी देशों में यह समझौता भारत के प्रति बढ़ते भरोसे का भी प्रतीक है। भारत-ओमान के इस समझौते के बाद चीन और पाकिस्तान परेशान हो उठे हैं। खाड़ी देशों में चीन को अपना बाजार दरकता नजर आने लगा है।
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता जल्द लागू होने की उम्मीद है। इसके बाद ब्रिटेन में वीजा नियमों में भी छूट दी जाएगी। ऐसे में व्यापारियों को ब्रिटेन आना-जाना आसान हो जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर सीमा शुल्क में कटौती और दाम में कमी की उम्मीद भी की जा रही है।
भारत और ब्रिटेन के बीच निवेश पर एक अलग समझौते (द्विपक्षीय निवेश संधि) के तहत बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अब केवल कुछ ही मुद्दे बचे हैं। व्यापार एवं निवेश कार्यसमूह (टीआईडब्ल्यूजी) की बैठक (जयपुर में) के दौरान ब्रिटेन की टीम भारत आ रही है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम बाकी मुद्दों को पूरा कर लेंगे।
भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत की प्रक्रिया पूरी करने के बेहद करीब हैं। दोनों देश कुछ मुद्दों पर अपने मतभेदों को दूर करने में लगे हुए हैं।
अपने दौरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख कंपनियों के उद्योगपतियों से मुलाकात की।
वाणिज्य मंत्री गोयल ने यह भी बताया कि अमेरिका की आईफोन विनिर्माता कंपनी एप्पल भारत में अपने परिचालन का लगातार विस्तार कर रही है और भारत सरकार उसके कारोबार को समर्थन देने के लिए कंपनी के संपर्क में बनी हुई है।
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जारी वार्ता को आगे बढ़ाने और अगली द्विपक्षीय आर्थिक और वित्तीय बातचीत को जल्द करने के लिए दोनों देश सहमत हो गए हैं। ब्रिटिश सरकार ने यह बात कही है। भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में सातवें चरण की वार्ता पूरी हुई है।
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