भारत में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कंपनियां स्किल्ड फ्रेशर्स को ऑफर कर रही अधिक सैलरी। डेटा के मुताबिक, बेंगलुरु में फ्रेशर्स को सबसे ज्यादा औसत 4.16 लाख रुपये प्रति वर्ष का वेतन मिलता है और वहीं, मुंबई में फ्रेशर्स के लिए औसत वेतन 3.99 लाख रुपये प्रति वर्ष है।
एंट्री लेवल जॉब के लिए डिजाइन, एनालिस्ट्स और प्रोग्रामिंग टॉप स्किल हैं, जिनकी मांग सबसे ज्यादा है। लेटेस्ट रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि हाइब्रिड नौकरियों में 52 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है।
यह रिपोर्ट देश के 14 भौगोलिक क्षेत्रों में 18 उद्योगों की 737 लघु, मझोली और बड़ी कंपनियों के बीच सर्वेक्षण पर आधारित है। इनमें महानगर, पहली और दूसरी श्रेणी के शहर शामिल हैं।
इंडस्ट्री में डेवऑप्स इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, एसईओ एनालिस्ट और यूएक्स डिजाइनर के पदों के लिए फ्रेशर्स की काफी डिमांड है।
Career For Freshers:इन दिनों जॉब सेक्टर में भारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। आज कई कंपनियां फ्रेशर की हायरिंग पर ज्यादा तवज्जों दे रही हैं। इसका मुख्य कारण है फ्रेशर कम पैसे में ज्यादा सीखने की कोशिश करते हैं, जिसका फायदा कंपनियों को मिलता है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में साउथ कैंपस के लेडी श्री राम कॉलेज (LSR) ने हॉस्टल को लेकर नया फैसला लिया है।
बड़ी भारतीय इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनियां आपस में सांठगांठ कर प्रवेश-स्तर के इंजीनियरों की सैलरी को निम्न स्तर पर रखती हैं। यह आरोप लगाया है आईटी इंडस्ट्री के पुराने अनुभवी टीवी मोहनदास पाई ने।
देश की स्टार्टअप कंपनियां इन दिनों भर्ती अभियान पर हैं। स्टार्टअप कंपनियों की ओर से की गई नियुक्तियों की अधिकतर पेशकश नए उम्मीदवारों के लिए हैं।
फ्रांस की प्रमुख आईटी कंपनी Capgemini (कैपजेमिनी) ने आज कहा कि भारत में उसके कर्मचारियों की संख्या अप्रैल अंत तक 1 लाख हो जाएगी।
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