वित्त वर्ष 2018-19 में मालवहन के नए मानक लागू होने से भारी वाहनों की ढुलाई क्षमता में खासी कमी आई और वर्ष 2019-20 में भारत चरण-छह (बीएस-6) मानक लागू होने से नए ट्रकों के दाम 10-15 प्रतिशत बढ़ गए।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की समाप्ति पर भारतीय रेलवे की यात्री किराये से कुल आय 1,258.74 करोड़ रुपए रही, जबकि माल ढुलाई से आय 49,347.62 करोड़ रुपए रही।
पिछले कैलेंडर वर्ष में करीब 50 माल भाड़ा ग्राहकों का भारतीय रेल के साथ 500 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा का कारोबार था और इसलिए ये इकाइयां योजना की पात्र हैं।
मध्य प्रदेश में नीमच के RTI कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ की ओर से दायर आरटीआई आवेदन से खुलासा हुआ है कि 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल - जून) में यात्री किराये से 13,398.92 करोड़ रुपये की आय हुई थी।
भविष्य में रेलवे के किरायों को घटाने या बढ़ाने का काम अब रेल मंत्री नहीं करेंगे बल्कि इसका निर्धारण रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी (RDA) करेगी।
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