शेयर बाजार में निवेश बढ़ने से पैसे निकालने की रफ्तार घटी
मार्च में FPI ने भारतीय पूंजी बाजारों से रिकॉर्ड 1.1 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी
मार्च में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी
देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामले और विदेशी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों से कमजोरी कारोबारी रूझान के कारण घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बना हुआ है।
मार्च के महीने में विदेशी निवेशकों ने कैपिटल मार्केट से रिकॉर्ड निकासी की थी
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे की मजबूती के साथ 71.32 पर खुला।
अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से उत्साहित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जनवरी महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में 1,624 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश नवंबर अंत तक गिरकर 69,670 करोड़ रुपए पर आ गया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर के पहले सप्ताह में घरेलू पूंजी बाजारों 12,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
आने वाले दिनों में विदेशी पोटफोलियो निवेशकों का प्रवाह इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहता है और कंपनियों के तिमाही परिणाम कैसे आते हैं।
जुलाई 2017 में सेबी ने पी-नोट के लिए कठोर नियमों को अधिसूचित किया था।
वैश्विक नरमी और व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में शुरूआती तीन कारोबारी दिवसों में शेयर बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सितंबर के पहले पखवाड़े में शुद्ध लिवाल रहे। एफपीआई ने पूंजी बाजारों में 1,841 करोड़ रुपए की पूंजी डाली। इससे पहले लगातार दो महीने पीएफआई शुद्ध बिकवाल रहे थे।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एच आर खान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर एफपीआई नियमों को नए सिरे से तैयार किया गया है।
वैश्विक एवं घरेलू मोर्चे पर बाजारों में गिरावट के कारण अगस्त के पहले सात कारोबारी सत्रों में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय पूंजी बाजार से 9,197 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की।
कारोबार के अंतिम घंटे में ऊर्जा, तेल एवं गैस, वाहन और आईटी कंपनियों के शेयरों में जोरदार लिवाली देखने को मिली।
सॉवरेन बांड जारी करने के सवाल पर सीतारमण ने कहा कि बजट में घोषणा के अलावा इस पर अभी कुछ नहीं किया गया है।
मार्च के अंत में यह आंकड़ा 78,110 करोड़ रुपए, अप्रैल में 81,220 करोड़ रुपए और मई के अंत में 82,619 करोड़ रुपए था।
आम बजट 2019-20 के बाद शेयर बाजार में विदेशी पूंजी की भारी निकासी के बावजूद विदेशी निवेशक जुलाई महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल बने हुए हैं।
वित्त मंत्री ने अपने पहले बजट में धनाढ्य लोगों पर आयकर सरचार्ज बढ़ा दिया है। इससे करीब 40 प्रतिशत एफपीआई स्वत: तरीके से ऊंचे कर के दायरे में आ गए हैं।
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